स्थिर आय ने नकारात्मक रुख बना दिया

नई दिल्ली, 30 जनवरी (आईएएनएस)| नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने भावनात्मक मुद्दों पर लोकप्रियता हासिल की है, लेकिन बीते एक साल से लोगों के अपनी आय को स्थिर पाने की वजह से उनका मूड तेजी से नकारात्मक हो रहा है। केंद्रीय बजट के एक फरवरी को आने से पहले आईएएनएस-सी वोटर पोल से पता चला है कि सर्वे में शामिल अधिकांश लोगों ने पाया है कि उनकी आय समान बनी हुई है, जबकि 2019 से उनके खचरें में काफी वृद्धि हुई है।

जनवरी के आखिरी दो सप्ताहों में किए गए आईएएनएस-सी वोटर सर्वे के अनुसार, इसके परिणामस्वरूप नकारात्मकता उतनी ही ज्यादा है, जितनी मनमोहन सिंह सरकार के आखिरी वर्षों 2012-13 में थी। इस सर्वे में 75.8 फीसदी उत्तरदाताओं ने माना है कि देश में आर्थिक माहौल नकारात्मक है।

साल 2013 में करीब 72 फीसदी लोगों ने माना था कि विकास का माहौल निराशाजनक व नकारात्मक है।

सर्वे के अनुसार, मोदी सरकार के बीते कुछ वर्षों में समग्र परिदृश्य में सुधार नहीं हो सका है। सर्वे के अनुसार, लोगों के दिमाग में राष्ट्रवादी विचार हावी हुआ है।

कुल 4,292 के सैंपल साइज में से 28.7 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि उनकी आय कम हो गई, जबकि खर्च में वृद्धि हुई। करीब 44 फीसदी लोगों ने कहा कि उनकी आमदनी जस की तस बनी हुई है, जबकि खर्च बढ़ता चला गया।

सर्वे में 100 में से सिर्फ तीन लोगों का मानना है कि समग्र आर्थिक माहौल सकारात्मक है।

उत्तरदाताओं में से 20 प्रतिशत ने समग्र आर्थिक माहौल को तटस्थ बताया और कहा कि आमदनी व खर्च दोनों बढ़ रहा है। जबकि 11.5 फीसदी लोगों ने कहा कि उनकी आय और व्यय दोनों बढ़े हैं। वहीं 7.6 फीसदी ने कहा कि उनकी कमाई और खर्च समान रहे।