निलंबित किए गए कर्मचारियों में एसडीओ राकेश शर्मा, कुलदीप यादव शामिल हैं, जबकि कार्यपालक अभियंता धर्मवीर मलिक का सेवा विस्तार अनियमितताओं और खराब कागजी कार्रवाई के लिए रद्द कर दिया गया है।
मंत्री ने भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कुछ अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का भी आदेश दिया है।
विज ने कार्यालय में मौजूद नहीं रहने वाले अधिकारियों को फटकार भी लगाई।
साथ ही उन्होंने एक कमेटी गठित करने का भी आदेश दिया है, जो गुरुग्राम में जलजमाव की समस्या पर काम करेगी।
जैसे ही मंत्री की उपस्थिति की खबर नगर निकाय कार्यालय में फैली, शिकायतकर्ता उनसे मिलने और कार्यालय में पहले से दर्ज अपनी शिकायतों को लेकर वहां पहुंचने लगे।
मंत्री विज ने संवाददाताओं से कहा, दौरे के दौरान, मैंने एमसीजी कार्यालय में कई अनियमितताएं पाई हैं। यहां तक कि कुछ एसडीओ कार्यालय में मौजूद नहीं मिले हैं और सरकारी कर्मचारी रजिस्टर और दस्तावेज सही नहीं पाए गए हैं। इसलिए मैंने तीन एमसीजी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ प्राथमिकी का आदेश दिया है। कुछ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। मैंने गुरुग्राम में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए एक समिति के गठन का भी आदेश दिया है।
विज ने नगर निकाय के कुछ अन्य कर्मचारियों से भी बात की, जो उनके प्रश्नों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, जिससे मंत्री नाराज हो गए।
विज ने कहा, ड्यूटी में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंत्री ने फील्ड वर्क के लिए विजिटिंग रजिस्टर बनाए रखने के भी आदेश दिए। मंत्री ने यह भी आदेश दिया कि कोई भी कर्मचारी और अधिकारी लिखित अनुमति के बिना कार्यालय नहीं छोड़ेंगे।
एमसीजी आयुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने संवाददाताओं से कहा, मंत्री ने जो निलंबन आदेश दिया है, उस पर जल्द से जल्द विचार किया जाएगा। हम उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे, जो समय पर अपने कार्यालय में मौजूद नहीं थे। दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी सरकार के मानदंडों के अनुसार प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
–आईएएनएस
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