हरियाणा : प्रदेशभर में रैलियां कर रहे हुड्डा

मेहम (हरियाणा), 17 अक्टूबर (आईएएनएस)| अंदरूनी दुश्मनों को हराने के बाद हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा पार्टी को जीत दिलाने के लिए राज्यभर में रैलियां कर रहे हैं।

हुड्डा मानते हैं कि जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने जैसे भाजपा के राष्ट्रीय मुद्दे राज्य के विधानसभा चुनाव में इतने महत्वपूर्ण नहीं हैं।

उनके अनुसार, बढ़ती बेरोजगारी, बिगड़ती कानून व्यवस्था, औद्योगिक इकाइयां का बंद होना और बढ़ता कर्ज जैसे स्थानीय मुद्दे यहां के समीकरण तय करेंगे।

हुड्डा ने गुरुवार को जाट बहुल और कांग्रेस के गढ़ महम विधानसभा के दौरे पर आईएएनएस से कहा, “हरियाणा कभी प्रति व्यक्ति आय और प्रति व्यक्ति निवेश जैसे आर्थिक मानदंडों में ऊंचाई पर होने के कारण सबसे ऊपर था। अब यह अपराध और बढ़ती बेरोजगारी मे शीर्ष पर है।”

हुड्डा के अनुसार, देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर 28.7 प्रतिशत राज्य में है।

उन्होंने कहा, “पांच सालों में राज्य के सरकारी विभागों में नियमित नियुक्तियां नहीं हुईं। चतुर्थ श्रेणी के पदों पर एमए किए युवाओं ने आवेदन किया है।”

आईएएनएस के सवाल पर उन्होंने कहा, “अनुच्छेद 370 यहां कोई मुद्दा नहीं रहा। राज्य के हालात से ध्यान हटाने के लिए भाजपा के बड़े नेता इसका जिक्र कर रहे हैं।”

साल 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के समय गढ़ी सापला-किलोई सीट पर बड़े अंतर विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हुड्डा ने आत्मविश्वास से लबरेज होकर कहा, “इसका कोई विरोध नहीं कर रहा है। भाजपा सिर्फ इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। इसके बजाय अब उसका फोकस कश्मीर में शांति बहाल करने पर होनी चाहिए।”

पार्टी के अभी भी दो धड़ों (अपने तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा) में बंटे होने की अफवाहों को खारिज करते हुए हुड्डा ने कहा, “हम एक-दूसरे का सहयोग करते हुए साथ-साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं।”

वरिष्ठ कांग्रेस नेता हुड्डा ने पार्टी नेतृत्व पर अध्यक्ष पद के लिए अशोक तंवर के स्थान पर दलित समुदाय की शैलजा को लाने के लिए दवाब बनाया था।

पार्टी नेताओं ने कहा कि हुड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को स्पष्ट रूप से बता दिया था कि वे विधानसभा चुनाव में तंवर के नेतृत्व में काम नहीं कर पाएंगे।