स्वास्थ्य मंत्री ने लॉन्च के बाद कहा, बड़ी आबादी के कारण, अधिकांश बर्न केयर सुविधाएं अति-व्यस्त हैं और अत्याधुनिक बर्न केयर नगण्य है। ऐसी स्वास्थ्य देखभाल सुविधा की सख्त आवश्यकता है, जो आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए उच्च गुणवत्ता की देखभाल प्रदान कर सके।
इस मौके पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष 70 लाख लोग जलने व दुर्घटना में गंभीर रूप से प्रभावित हो जाते हैं। इनमें से 1.4 लाख लोगों की मौत जलने या चोट लगने से हो जाती है।
नए बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक को जल प्रबंधन और अनुसंधान के क्षेत्र में अत्याधुनिक देखभाल प्रदान करने की दृष्टि से कल्पना की गई है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि बर्न्स और प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक की स्थापना के पीछे तीन लक्ष्य हैं। पहले जलने से होने वाली मौतों की संख्या को कम करना है। दूसरा, मानक प्रोटोकॉल का पालन करने से संस्थान उन लोगों की संख्या को कम करने में सक्षम होगा, जो विकृति के साथ समाप्त होंगे। तीसरा, जलने के प्रबंधन में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लागत को पूरी तरह से कम करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि यह ब्लॉक लगभग 15,000 बर्न केस से निपटने में सक्षम है।
–आईएएनएस
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