हुड्डा ने अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी किए जाने का समर्थन किया

 रोहतक (हरियाणा), 18 अगस्त (आईएएनएस)| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपिंदर सिंह हुड्डा ने एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम के रूप में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के कदम का समर्थन किया।

 हुड्डा ने अपने गृहनगर में एक महापरिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए कहा कि वह देशभक्ति के मुद्दे पर किसी के साथ समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “यदि सरकार कुछ अच्छा करती है, तो मैं उसका समर्थन करता हूं।”

उन्होंने राज्य में पार्टी का भविष्य तय करने के लिए एक 25 सदस्यीय समिति भी घोषित की, जिसमें उनसे करीबी रखने वाले 13 विधायक शामिल हैं। उन्होंने कहा, “चूंकि यह मुद्दा (कांग्रेस में रहने या न रहने) लोगों के भविष्य से जुड़ा है, लिहाजा मैं अकेले निर्णय नहीं ले सकता।”

उन्होंने कहा कि 25 सदस्यीय समिति का निर्णय बाद में चंडीगढ़ में घोषित किया जाएगा।

यह कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को एक स्पष्ट संकेत है कि या तो वह राज्य की बागडोर हुड्डा को सौंप दे, अन्यथा विधानसभा चुनाव से पहले उनकी राह अलग हो जाएगी। चुनाव इस साल के अंत में होना है।

ऐसे कयास हैं कि हुड्डा और उनके पुत्र दीपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा है कि पार्टी हाईकमान ने उन्हें दरकिनार कर दिया है। दोनों या तो शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में शामिल हो सकते हैं या खुद की पार्टी बना सकते हैं।

एक दिन पहले हुड्डा की शीर्ष कांग्रेस नेताओं से नई दिल्ली में बंद कमरे में बातचीत हुई थी। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि वे पार्टी छोड़ने का निर्णय जल्दबाजी में न लें, क्योंकि पार्टी ने उन्हें हमेशा महत्व दिया है।

हरियाणा की मुख्य विपक्षी दल, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के अधिकांश विधायक और नेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो रहे हैं, वहीं कांग्रेस अंदरूनी लड़ाई से परेशान है।

कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री ने कहा कि किसी राजनीतिक दिशा और एजेंडे के अभाव में कांग्रेस कार्यकर्ता निराश हैं।