जल्द ही 11 डिजिट के होंगे मोबाइल नंबर!  जानें ‘क्या’ है कारण   

समाचार ऑनलाइन – देश में आई संचार क्रांति के बाद आज लगभग हर व्यक्ति मोबाईल या लैंडलाइन सेवाओं का उपयोग कर रहा है. आम आदमी तक इसकी पहुंच के बाद देश मे एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. मोबाईल और इंटरनेट जैसी तकनीक ने पूरी दुनिया को आपस में जोड़ दिया है. वहीं इसकी मदद से आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक जैसे क्षेत्रो मे उपलब्धियां हासिल की है.

वर्तमान परिदृश्य मे मोबाईल फोन का मायाजाल पूरे देश मे मकड़ी के जाल के समान फैल रहा है. इसी को ध्यान मे रखते हुए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने देश में मोबाइल फोन नंबर को लेकर बड़ा बदलाव कर सकती है. अभी हमारे देश में मोबाईल नंबर 10 अंको के हैं, जबकि भविष्य में यह 11 अंकों के भी किए जा सकते हैं. इसका कारण है 9, 7 और 8 से शुरू होने वाले 10 अंको के मोबाइल नंबर्स 2.1 बिलियन कनेक्शन कनेक्शंस ही दे सकते हैं. ऐसे में आने वाले समय के लिए 11 डिजिट वाले मोबाइल नंबर्स की जरूरत निश्चित ही होगी.

मोबाईल नंबर को लेकर क्या होगा बड़ा बदलाव…

मोबाईल फोन्स और लैंडलाइन के फैलते मायाजाल के कारण हाल ही में TRAI ने जनता से सुझाव मांगे थे. जिस दर से आबादी बढ़ रही है उस हिसाब से टेलिकॉम कनेक्शन की मांग भी बढ़ रही है. ऐसे में संभवतः 10 डिजिट को 11 डिजिट करने की निश्चित तौर पर आवश्यकता होगी.  इस समस्या से निपटने के लिए विकल्पों पर विचार करने के लिए यह सुझाव बुलाये गये थे. TRAI ने इस संदर्भ में एक डिस्कशन पत्र जारी किया है, जिसका टाइटल है एकीकृत अंक योजना का विकास.‘  यह योजना मोबाइल और लैंडलाइन दोनों के लिए है.

क्या कहती TRAI की रिपोर्ट्स…

TRAI ने अपना डिस्कशन पत्र ज़ारी किया है उसके मुताबिक़ मानकर चले तो देश में वर्ष 2050 तक मोबाईल फोन गहनता 200 प्रतिशत हो जाएगी यानि कि प्रति व्यक्ति औसतन दो मोबाइल कनेक्शन हों जाए तो इस स्थिति मे देश में सक्रिय मोबाइल फोन की संख्या 3.28 अरब तक पहुंच जाएगी.  जबकि वर्तमान समय मे देश में 1.2 अरब फोन कनेक्शन है. वही TRAI  का यह अनुमान है कि अंकों का यदि 70 प्रतिशत उपयोग मान कर चले तो उस समय तक देश में मोबाइल फोन के लिए 4.68 अरब नंबर की जरूरत होगी. जबकि सरकार ने मशीनों के बीच पारस्परिक इंटरनेट संपर्क/ इंटरनेट आफ दी थिंग्स के लिए 13 अंकों वाली नंबर श्रृंखला पहले ही शुरू कर चुकी है.

क्या कहती है 93 और 2003 की समीक्षा…

बढ़ती आबादी के कारण बढ़ते टेलीकॉम कनेक्शन को देखकर इससे पहले भी वर्ष 1993 और 2003 में नंबरिंग प्लान्स की समीक्षा हो चुकी है. 2003 ते नंबरिंग प्लान ने 750 मिलियन फोन कनेक्शन के लिए जगह बनाई थी, जिसमें से 450 मिलियन सेल्युलर और 300 मिलियन बेसिक और लैंडलाइन फोन थे.

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