नई दिल्ली/लंदन, 24 जून : देश में आई कोरोना की दूसरी लहर शांत पड़ गई है। लेकिन तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है। ऐसे में देश में वेक्सीनेशन मुहिम में तेज़ी लाने का प्रयास किये जा रहे है। वेक्सीनेशन मुहिम में प्रमुख रूप से कोविशील्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन अस्ट्रज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड का वैक्सीन लेने वाले 11 लोगों को दुर्लभ बीमारी होने की जानकारी मिली है। यह वैक्सीन लेने वाले 11 लोगों को गिलन बार सिंड्रोम मस्तिष्क संबंधी बीमारी हो गया है. भारत और ब्रिटेन में विशेषज्ञों दवारा किये गए दो अलग-अलग रिसर्च से यह बात सामने आई है।
केरल में कोविशील्ड वैक्सीन लेने के बाद 7 लोगों को गिलन बार सिंड्रोम बीमारी हो गई है। इन लोगों ने एक ही वैक्सीन सेंटर पर वैक्सीन लिया था। इस वेक्सीनेशन सेंटर में अब तक 12 लाख लोगों का वेक्सीनेशन हुआ है। जबकि नाटिंघम में चार लोगों को गिलन बार सिंड्रोम बीमारी हुई है. इस क्षेत्र में कुल 7 लाख लोगों को एस्ट्रज़ेनेका वैक्सीन दी गई है।
10 से 12 दिन पहले वैक्सीन ली थी
केरल में 7 जबकि नाटिंघम में 4 लोगों को गिलन बार सिंड्रोम बीमारी हुई है। इन सभी लोगों ने 10 से 12 दिन पहले कोविशील्ड वैक्सीन ली थी। गिलन बार सिंड्रोम बीमारी होने के बाद शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति कम होने से मस्तिष्क और पीछे आघात होने लगा है। इसे लेकर केरल और नाटिंघम के जानकारों ने स्टडी की है। इससे संबंधित एक रिपोर्ट 10 जून को प्रकाशित की थी।