14 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों ने तेलंगाना को 1,000 टन से अधिक एलएमओ पहुंचाई

हैदराबाद, 25 मई (आईएएनएस)। तीन और ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन मंगलवार को हैदराबाद पहुंची। भारतीय रेलवे ने अब तक तेलंगाना को 1,000 टन से अधिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की आपूर्ति की है।

23 दिनों की छोटी अवधि में, भारतीय रेलवे ने तेलंगाना को 70 टैंकरों से भरी 14 ट्रेनों के माध्यम से कुल 1,194 टन एलएमओ की आपूर्ति की। ये ट्रेनें तीन राज्यों से आईं।

दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) ने मंगलवार को कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन को कंटेनर टैंकर ट्रेनों के साथ-साथ रो-रो (रोल ऑफ रोल ऑन) सेवा के संयोजन के माध्यम से लाया गया था, जिसमें टैंकरों वाले ट्रकों को रेलवे के माध्यम से ले जाया जाता है। जबकि, इन टैंकरों की व्यवस्था राज्यों द्वारा की जाती है, वही रेलवे द्वारा ले जाया जाता है।

तेलंगाना के लिए ये ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें देश के पूर्वी और पश्चिमी दोनों हिस्सों से ओडिशा, झारखंड और गुजरात से आई हैं। ओडिशा से जहां 10 ट्रेनें आई हैं, वहीं झारखंड और गुजरात से दो-दो ट्रेनें आई हैं।

तेलंगाना के लिए 13वीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस गुजरात के मुंद्रा पोर्ट से 3 कंटेनर टैंकरों में 44 टन एलएमओ के साथ हैदराबाद के सनथ नगर पहुंची।

दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) ने बताया कि इससे पहले 12वीं ऑक्सीजन एक्सप्रेस 6 कंटेनरों में 120 टन एलएमओ लेकर सनथनगर पहुंची थी।

तेलंगाना के लिए पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस 124.26 टन एलएमओ से लदे पांच टैंकरों के साथ 2 मई को हैदराबाद पहुंची थी।

राज्यों की मेडिकल ऑक्सीजन आवश्यकताओं को सबसे तेज संभव समय पर पूरा करने के लिए, रेलवे इन ट्रेनों को ग्रीन कॉरिडोर के साथ संचालित कर रहा है, ताकि न्यूनतम परिवहन समय सुनिश्चित हो सके। ऑक्सीजन ट्रेनें कम से कम समय पर पहुंचे यह सुनिश्चित करने के लिए बहु-अनुशासनात्मक टीमों का भी गठन किया गया है। नतीजतन, इन ट्रेनों के परिवहन में लगने वाली औसत गति 60 किमी प्रति घंटे से अधिक रही है।

गजानन माल्या, महाप्रबंधक, दमरे ने तेलंगाना राज्य में 1000 टन से अधिक एलएमओ के परिवहन के लिए क्षेत्र के अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन ट्रेनों का संचालन उच्चतम अत्यावश्यकता के साथ किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्यों तक मेडिकल ऑक्सीजन तेजी से संभव समय सीमा में पहुंचे। उन्होंने टीम को समान स्तर की निगरानी जारी रखने की सलाह दी ताकि इन ट्रेनों का निर्बाध और निर्बाध संचालन प्रदान किया जा सके।

–आईएएनएस

एसजीके