मुंबई : समाचार ऑनलाइन- महाराष्ट्र में सबसे बड़े पर्व के रूप में मनाए जाने वाले गणेश उत्सव का आखिरी दिन कई जगहों पर शोक में तब्दील हो गया. गणेश उत्सव के आखिरी दिन गुरुवार को पूरे राज्य में विसर्जन झांकियां निकाली गई, जिनमें लोगों ने बढचढ़ कर हिस्सा लिया. लेकिन अंत में इन खुशियों पर ग्रहण लग गया. कई जगहों पर ढोल-धमाकों की आवाज के बीच सन्नाटा छ गया और खुशियाँ दुःख में बदल गई. राज्य की कई जगहों पर गणपति विसर्जन के दौरान डूबने के मामले सामने आए हैं, जिनमें लगभग 17 लोगों की डूब कर मौत हो गई, जबकि 12 लोग नदी के प्रवाह में बह गए या लापता हो गए.
यह सभी हादसे ‘अनंत चतुदर्शी’ के दिन यानि के कल हुए हैं. राज्यभर के शहरों और कस्बों से इन तरह की जो घटनाएँ सामने आई हैं, उनकी जानकारी पुलिस द्वारा दी गई है.
कहाँ हुए हादसे और कितने बने शिकार
स्थान डूबने से हुई मौत
कोकण – 5
विदर्भ- 6
भंडारा- 1
वर्धा- 1
श्रीरामपुर- 1
कराड- 1
नांदेड- 1
12 लोग लापता
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक लगभग 12 लोग अभी भी लापता है. कहा नहीं जा सकता कि वे नदी के प्रवाह में बह गए हैं या डूबने से मौत हो चुकी है. पुलिस फिलहाल इसकी छानबीन कर रही है.
2 सितंबर को हुई थी गणेश स्थापना
बता दें कि गणपति स्थापना 2 सितंबर को हुई थी और गुरुवार को गणेश उत्सव का आखिरी दिन था. इस दिन पर मुंबई, पुणे सहित राज्य के अन्य शहरों में बड़ी तादात में रैली व झांकियां निकाल कर गणपति जी को विसर्जन के लिए ले जाया जाता है. इन रैलियों का मुख्य आकर्षण ढोल-ताशे होते हैं.