469 सफाई कर्मियों को मिलेंगे फ़र्क राशि के 37 करोड़

अप्पर श्रम आयुक्त ने पिंपरी मनपा को दिए आदेश
पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – मुंबई हाईकोर्ट के आदेशानुसार अप्पर श्रम आयुक्त शैलेंद्र पोल ने कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम करने वाले 469 सफाई कर्मियों के मामले में पिंपरी चिंचवड मनपा को आदेश दिए हैं कि, इन कर्मचारियों को फर्क राशि के 16 करोड़ नौ लाख 79 हजार रुपए 14 सालों के नौ फीसदी ब्याज के साथ माहभर के भीतर चुकाये जाय। इसके चलते मनपा को 31 मार्च तक फर्क राशि के तौर पर 37 करोड़ रुपये संबंधित ठेकेदारों से वसूलने होंगे। मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी राष्ट्रीय श्रमिक आघाडी के अध्यक्ष यशवंत भोसले ने दी।
पिंपरी मनपा में कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम करनेवाले सफाई कर्मियों को स्थायी सेवा में शामिल करने और उन्हें श्रम कानून के तहत वेतन व अन्य सुविधाएं मिले, इसके लिये पूर्व नगरसेवक यशवंत भोसले ने 2001 में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। 2004 में अदालत ने अपने फैसले में कॉन्ट्रैक्टर बदलने के बाद भी कर्मचारियों को नौकरी में कायम रखने और अतिरिक्त श्रम आयुक्तालय के फैसले के अनुसार उन्हें मनपा सफाई कर्मियों की भांति समान वेतन देने के आदेश दिए। साथ ही 1998 से 2004 तक न्यूनतम वेतन की फर्क राशि के तौर पर कर्मचारियों की सूची के साथ 16 करोड़ 80 लाख 2200 रुपये चुकाने के निर्देश भी दिए।
इस फैसले के खिलाफ मनपा ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की और स्थगिति आदेश मिलते ही सभी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। 12 जनवरी 2016 को सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश को कायम रखते हुए मनपा की अपील को खारिज कर दिया। इसके बाद राष्ट्रीय श्रमिक आघाडी ने दो साल तीन माह तक सभी कर्मचारियों को फर्क राशि के चेक मिले इसके लिए मनपा से फॉलो अप लिया, मनपा आयुक्त से कई बैठक की, आंदोलन किया। इसके बाद भी टालमटोल जारी रहता देख अदालत के आदेश की अवमानना को लेकर मनपा आयुक्त को नोटिस जारी की। इसके बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाये जाने से भोसले ने पुनः उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
इसकी सुनवाई में उच्च न्यायालय ने मनपा को 572 सफाई कर्मचारियों को फर्क राशि के तौर पर 16 करोड़ 80 लाख 2200 रुपये उसपर 2005 से 18 फीसद ब्याज के तौर पर 45 करोड़ 36 लाख 5940 रुपये कुल 65 करोड़ 16 लाख 8140 रुपये चुकाने के आदेश दिए। इस पर मनपा ने 572 कर्मियों की लिस्ट और फर्क राशि टैली नहीं हो रही यह वजह बताई। न्यायालय ने श्रम आयुक्त को तीन माह में इसकी पड़ताल पूरी कर फर्क राशि निश्चित करने के आदेश दिए। अप्पर श्रम आयुक्त शैलेंद्र पोल ने यह पड़ताल पूरी की और 572 में से 469 कर्मियों के फर्क राशि के तौर पर 16 करोड़ 9 लाख 79 हजार रुपये संबंधित ठेकेदारों के जरिये 14 सालों के 9 फीसदी ब्याज के साथ 31 मार्च से 0पहले चुकाने के आदेश दिए हैं।