भारत से पहली बार 7 रोहिंग्या की होगी घरवापसी

गुवाहाटी | समाचार ऑनलाइन

पिछले कुछ महीनों से रोहिंग्या पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। काफी समय से रोहिंग्या विवाद को लेकर भारत में राजनीती चल रही है। इतनी चर्चा के बाद भारत सरकार पहली बार देश में अवैध रूप से भारत में रह रहे रोहिंग्या को म्यांमार वापस भेज रही है। पहली बारी में 7 लोगो को वापस बेजा जा रहा है।

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सातों रोहिंग्याओं के निर्वासन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। सातों रोहिंग्या असम के सिलचर में हिरासत केन्द्र में बंद थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अफसर के मुताबिक गुरुवार को मणिपुर की मोहरे सीमा चौकी पर 7 रोहिंग्या प्रवासियों को म्यांमार के अधिकारियों को सौपा जाना है।

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सभी सातों रोहिंग्या को वापस भेजा जा रहा है। आज सुबह उन्हें ‘इम्फाल से मणिपुर की मोहरे सीमा पर ले जाया गया। जिसकी बाद उन्हें म्यांमार इमीग्रेशन ऑफिस में भेजा जाएगा, उनकी सभी कागजातों की जांच की जाएगी। सभी की उम्र 26- 32 के बिच बताई जा रही है। पहली बार कोई रोहिंग्या को भारत से म्यांमार वापस भेजा जा रहा है। विदेशी कानून के उलंघन में सातों रोहिंग्या को 29 जुलाई 2012 में गिरफ्तार किया गया था।