6 मई से एक दिन छोड़कर होगी वाटर सप्लाई, विपक्ष ने बोला हमला

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – पिंपरी-चिंचवड़ मनपा प्रशासन व सत्ताधारी भाजपा के बीच तालमेल नहीं होने और सही योजना के अभाव में शहर में एक दिन छोड़कर पानी कटौती शुरू की गई है।उचित योजना बनाकर अगर पानी का लीकेज रोका जाता तो मनपा के सामने यह नौबत नहीं आती।यह तीखी प्रतिक्रिया पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के सभी गुट नेताओं ने दी है.

पवना डैम में 29 फीसदी पानी बचा है।बारिश देर से आने की संभावना को देखते हुए मनपा ने सोमवार 6 मई से शहर में एक दिन छोड़कर पानी कटौती करने का निर्णय लिया है।ऐसे में शहरवासियों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा।मनपा के वाटर सप्लाई से जुड़े अधिकारियों और सत्ताधारी पार्टी के पदाधिकारियों को  गुट नेताओं ने इसके लिए जिम्मेदार बताया है।इस संदर्भ में विरोधी पक्ष नेता दत्ता साने ने कहा कि सत्ताधारी भाजपा के नकारापन और अनुचित योजना के कारण शहर में एक दिन छोड़कर पानी कटौती लादी गई है।पवना के बंद पाइपलाइन, आंद्रा व भाद्रा-आसखेड डैम पानी योजना पर राज्य की सत्ताधारी भाजपा ने पिछले 5 वर्षों में कोई काम नहीं किया है।शहर की जनसंख्या में हुई वृद्धि की जरूरतों को देखते हुए पवना डैम का वाटर स्टॉक अपर्याप्त साबित हो रहा है।

शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे ने कहा कि पहले भी और अब भी मनपा प्रशासन गुट नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करने का निर्णय लिया है।आपस में ही पॉलिसी तय कर उसे घोषित करना गलत है।पानी कटौती का विरोध नहीं है।लेकिन मनपा पानी की बेहतर योजना में असफल रही है।वाटर लीकेज, पानी की चोरी को रोककर 24 घंटे वाटर सप्लाई योजना को बढ़ावा देने की जरूरत है। मनसे के गुटनेता सचिन चिखले ने कहा कि सभी गुटनेताओं व नगरसेवकों को विश्वास में लेकर शहर में पानी कटौती की पॉलिसी निश्चित करने की जरूरत है।मनपा प्रशासन द्वारा बेहतर योजना नहीं बनाए जाने की वजह से एक दिन छोड़कर पानी कटौती की नौबत आई है।इस दौरान नागरिकों को पूरे दबाव में पर्याप्त पानी सप्लाई करना जरूरी है।

शहर जिला कांग्रेस के शहराध्यक्ष सचिन साठे ने कहा कि पिंपरी-चिंचवड़ मनपा की सीमा में एक दिन छोड़कर वाटर सप्लाई करने की घोषणा की है।पुणे के पानी की समस्या पर ध्यान देने के लिए पालकमंत्री गिरीश बापट के पास वक्त है लेकिन पिंपरी चिंचवड़ शहर के साथ यह सौतेला व्यवहार क्यों? उन्होंने कहा कि पवना डैम में आवश्यक वाटर स्टॉक होने के बावजूद वाटर सप्लाई को लेकर राजनीति की जा रही है।उन्होंने  मनपा आयुक्त श्रवण हर्डिकर से ऐसे कामचोर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।


ये नौबत क्यों आई? : मारुति भापकर

इस संबंध में पूर्व नगरसेवक मारुति भापकर ने कहा कि सत्ताधारी भाजपा के नेताओं ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर फरवरी 2019 की शुरुआत में कहा था कि शहर में किसी भी प्रकार से पानी की कटौती नहीं की जाएगी।2019 के लोकसभा चुनाव में यह प्रचार किया गया कि मावल के शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे ने खुद पहल कर पवना डैम से 2016 में लोगों की मदद से 35 हजार क्यूबिक मीटर कीचड़ निकाला था।दूसरी बार 2017 में पवना डैम से 49 हजार क्यूबिक मीटर कीचड़ निकाला गया।2018 में 43 हजार क्यूबिक मीटर कीचड़ निकाला गया।शिवसेना पदाधिकारियों व सांसदों ने डेढ़ लाख ट्रक कीचड़ निकाला।इससे डैम में डेढ़ टीएमसी पानी का स्टॉक बढ़ गया है।ऐसे में अब पानी कटौती की नौबत कैसे आ गई? यह सवाल खड़ा होता है।