एसीबी द्वारा रिश्वतखोरों पर शिकंजा कसने का निर्णय

पुुुणे : समाचार ऑनलाईन – रिश्वतखोरी को लेकर एंटी करप्शन डिपार्टमेंट द्वारा जन-जागरण एवं कड़ी कार्रवाई की गई है, मगर सरकारी कर्मचारियों पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. उल्टे रिश्वतखोरी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. पिछले साल की तुलना में इस साल सिर्फ 5 महीनों में इन मामलों में 30% वृद्धि दर्ज की गई. चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले दो सालों से रिश्वतखोरी के मामले में राजस्व विभाग पहले तथा पुलिस विभाग दूसरे नंबर पर है.

सरकारी बाबुओं की  रिश्वतखोरी की आदत से नागरिकों को भारी परेशानी होती है. रिश्वतखोरी पर नियंत्रण के लिए एन्टी करप्शन डिपार्टमेंट द्वारा कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा रिश्वत की मांग किए जाने पर उसकी सीधी शिकायत दर्ज करने की अपील नागरिकों से की गई है. इसके लिए टोेल फ्री नं. 10642 उपलब्ध कराया गया है. इस सुविधा के चलते शिकायतों में वृद्धि हुई है, मगर इससे रिश्वतखोरों पर कोई फर्क नहीं पड़ा. एसीबी के पुलिस अधीक्षक संदीप दीवाण ने इसे चिंताजनक बताया है.

रिश्वतखोरों के खिलाफ आरोप साबित करने में कठिनाई
रिश्वतखोरों को पकड़ने में तो अपेक्षा से ज्यादा सफलता मिली, मगर अधिकांश मामलों में गवाहों या शिकायतकर्ता के ही बदल जाने की वजह से आरोप को साबित करना कठिन हो जाता है. इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए विभाग  ने आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए जाने का निर्णय लिया है. संबंधित रिश्वतखोर के खिलाफ कोर्ट में मामला जारी होने के दौरान रिश्वतखोर गवाहों तथा कई बार शिकायतकर्ताओं की भी इमोशनल ब्लैकमेलिंग कर उन्हें बयान बदलने के लिए मजबूर कर देते हैं. इससे आरोपी सजा से बच जाते हैं. इसलिए गवाह एवं शिकायतकर्ता अपने बयान न बदलें, इस दृष्टि से ठोस कदम उठाए जाएंगे.

रिश्वतखोरी के आरोप में पकड़े गए कर्मचारियों में सर्वाधिक राजस्व विभाग के
जनवरी 2018 से मई 2019 के बीच राजस्व विभाग के 104, पुलिस विभाग के 101, भूसंपादन विभाग में 10, जिला परिषद में 33, सहकारिता में 6, मनपा में 17, महावितरण में 22, रजिस्ट्रार कार्यालय में 8, पंचायत समिति में 3, जीएसटी में 2, एक्साइज में 4, वन विभाग में 7, शिक्षा विभाग में 9, सिंचाई विभाग में 8, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन में 3, कोर्ट में 7, पीडब्ल्यूडी में 2, महिला व बालकल्याण विभाग में 4 व आरटीओ में 3 सहित कुल 353 रिश्वतखोर अधिकारियों व कर्मचारियों को पकड़ा गया.