विधायक पुत्र को ब्रिज पर ‘सेलिब्रेशन’ करने से रोकने वाली पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई!

पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

देर रात ब्रिज पर खुले में विधायक पुत्र को ‘बर्थडे सेलिब्रेशन’ करने से रोकना एक महिला पुलिस अधिकारी के लिए महंगा साबित हुआ है। विधायक पुत्र के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया और उसके ‘कान के नीचे’ लगाने को लेकर इस अधिकारी को एक साल की वेतनवृद्धि रोकने की कार्रवाई संबंधी नोटिस जारी की गई। हांलाकि उनका स्पष्टीकरण सन्तोषजनक रहने से बाद यह कार्रवाई समझाइश देने तक सीमित कर दी गई। यह मामला पुणे से सटे पिंपरी चिंचवड़ शहर का है।[amazon_link asins=’B01N7Z39NR’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’2092d612-8218-11e8-9430-bde0a7ce1299′]

क्या है पूरा मामला

पिंपरी चिंचवड़ शहर के तीन में से एक विधायक का पुत्र बीते साल 21 अक्टूबर की रात पौने एक बजे के करीब अपने चचेरे भाई- बहनों व दोस्तों के साथ मिलकर ‘बर्थडे सेलिब्रेशन’ के लिए निकला था। तकरीबन सभी किशोर उम्र के बच्चे देर रात चार पहिया और दोपहिया वाहनों पर सवार होकर नाशिकफाटा चौक में दो मंजिला ब्रिज पर पहुंचे थे। यहाँ वे सभी आसमान में फायर लैंप छोड़ने पहुंचे थे। इसी दौरान पेट्रोलिंग पर रही स्थानीय पुलिस थाने की महिला अधिकारी अपनी टीम के साथ यहाँ आ धमकी। उसने उन्हें प्रतिबंधित फायर लैंप आसमान में छोड़ने से मना किया और वहां से निकल जाने को कहा। इस पर खुद को विधायक पुत्र बताकर रौब जमाने लगे।

कैसे बढ़ी बात

पिता की विधायक़ी का रौब जमाने लगा और हम यहीं सेलिब्रेशन करेंगे कहकर अड़ गए। इसके कारण महिला अधिकारी का उनसे विवाद हो गया। अधिकारी ने उनसे उनके ड्राइविंग लाइसेंस मांगा। इस पर उन्होंने अपने पिता को इसकी जानकारी दी और महिला पुलिस अधिकारी ने उनसे बदसलूकी, गालीगलौज की और तमाचा जड़ने की शिकायत की। आगबबूला हुए विधायक पिता ने भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से इसकी शिकायत की। वरिष्ठों ने भी विधायक जी की शिकायत को गंभीरता से लिया और महिला अधिकारी को उनकी एक साल की वेतनवृद्धि क्यों न रोक दी जाय? इसका जवाब मांगते हुए नोटिस जारी की। जब उन्होंने अपना स्पष्टीकरण दिया तब वरिष्ठों को थोड़ा संतोष हुआ और अपनी कार्रवाई को समझाइश देने तक के लिए सीमित कर दिया।

क्या कहा गया था नोटिस में

विधायकजी की शिकायत पर महिला पुलिस अधिकारी को जो नोटिस जारी की गई, उसमें कहा गया था कि, कम उम्र के बच्चे रहने से महिला अधिकारी को हालात पर समझदारी से काबू पाना चाहिए था। बजाय उन्हें ग़ैरबर्ताव करने से रोककर वहाँ से निकल जाने के लिए कहने के उनके साथ गालीगलौज कर तमाचा मारने की भूमिका गलत थी। यह जानने के बाद भी कि वे विधायक जी की संतानें है, मामले को समझदारी से नहीं हल किया गया। इसके बाद भी अगर वे नहीं मान रहे थे और प्रतिबंध के बावजूद आसमान में फायर लैंप छोड़ने की जिद कर रहे थे और उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था तो उचित कानूनी कार्रवाई की जा सकती थी, यह भी नोटिस में उल्लेखित है ,