आवारा जानवरों पर रोक लगाने में प्रशासन नाकामयाब

वैद्यकीय विभाग खारिज करने की मांग – नगरसेविका माया बारने

पुणे | समाचार ऑनलाइन

पिंपरी चिंचवड़ परिसर में आवारा जानवरों ने आतंक मचा रखा है। इनमें सबसे ज्यादा तादाद कुत्तों और गाय की है। झुंड में घूमने वाले ये आवारा पशु जहां लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं, वहीं खाने-पीने की चीजों को भी उठा ले जाते हैं। कुत्तों के काटने से कई मासूमों की जान तक जा चुकी है। बावजूद इसके महापालिका के वैद्यकीय (आरोग्य) विभाग प्रशासन इनके लिए कोई बंदोबस्त नहीं कर रहा। इसलिए यह विभाग खारिज करने की मांग भाजपा नगरसेविका माया बारणे ने की हैं।

पिंपरी चिंचवड़ शहर के पिंपरी, थेरगांव , वाकड , निगड़ी, चिखली, आकुर्डि और अन्य परिसरों में आवारा कुत्तों की तादाद दिनों दिन बढ़ रही है। इसे रोकने के लिए जानवरों की नसबंदी की जानी चाहिए, लेकिन यहां ऐसा नहीं किया जा रहा। शहर के कई इलाकों में सड़कों से लेकर गली-मुहल्लों में कुत्तों के झुंड नजर आते हैं। कुछ दिनों पहले इलाकों में कुत्तों ने हमला कर छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सबको अपना शिकार बनाया था। तब प्रशासन ने सख्ती से अभियान चलाया, जो कारगर कम औपचारिक ज्यादा रहा। अभियान के तहत आवारा कुत्तों को पकड़ा तो गया, लेकिन उनकी नसबंदी करने के बजाय ऐसे ही दूर जंगलों में छोड़ दिया। जंगल से आवारा जानवर दोबारा आबादी में आ गए। इसी वजह सेे शहर के आवारा कुत्तों और जानवरों पर प्रशासन रोक लगाने में नाकामयाब हो रही है तो, ऐसे विभाग को बंद कर देना चाहिए , और अधिकारियों पर करवाई करनी चाहिए ऐसा माया बारने ने कहा हैं।