प्रशासन के पसिने छूटे! शहर के गड्ढों को 10 दिन में करो साफ, महापौर ने दिया आदेश

पुणे : समाचार ऑनलाईन – संपूर्ण पुणे शहर में गड्ढों का साम्राज्य बढ़ गया है। गड्ढों का मुद्दा मनपा विपक्षी नेता दिलीप बराटे द्वारा साधारण सभा में उठाया गया। इस पर महापौर मुक्ता तिलक ने कड़ी प्रतिक्रिया देकर प्रशासन को आड़े हाथों लिया। शहर की सभी सड़कों के गड्ढों को दस दिनों में पाटने का आदेश उन्होंने दिया। साथ ही सड़कों का कार्य करने वाले कॉन्ट्रैक्टरों पर क्या कार्रवाई करेंगे? यह भी तय करने को कहा।

 मनपा साधारण सभा सोमवार को संपन्न हुई

महापौर मुक्ता तिलक की अध्यक्षता में मनपा साधारण सभा सोमवार को संपन्न हुई। साधारण सभा में गड्ढों का मुद्दा विपक्षी नेता दिलीप बराटे ने उठाया। उन्होंने कहा कि शहर में पिछले 8 से 10 दिनों से बारिश जारी थी। इस बारिश में शहर के सभी सड़कों पर गड्ढे बन गया है। इन गड्ढों से पुणेवासी परेशान है। शहर में हर प्रमुख सड़क और चौक में ट्रैफिक जाम की समस्या पैदा हो गई है। बारिश से पहले सड़कों के गड्ढे पाटने तथा बारिश पूर्व कार्यों के लिए करीब पांच करोड़ रुपए खर्च किए। इतने रुपए खर्च करने के बावजूद भी शहर के सभी सड़कों पर गड्ढे दिखाई देते है। इस बारे में प्रशासन से जानकारी मंगाई जाए। अजीत दरेकर ने कहा कि शहर की सड़कों पर गड्ढे है, यह गड्ढों में सड़क है, यह समझ में नहीं आता। पुणे शहर की पहचान गड्ढों के शहर के रूप में हो गई है।

शहर में कुल 1400 किलोमीटर लंबाई की सड़कें है

प्रशासन की ओर से सड़क विभाग प्रमुख अनिरूद्ध पावसकर ने स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने बताया कि शहर में कुल 1400 किलोमीटर लंबाई की सड़कें है। जिनमें 400 किलोमीटर लंबाई के सीमेंट कॉन्क्रीट रोड तथा 1000 किलोमीटर लंबाई के डामर की सड़कें है। मनपा में शामिल नए 11 गांवों के 100 किलोमीटर लंबाई के रोड है। अंडरग्राउंड केबलिंग तथा लाइन बिछाने 114 किलोमीटर की मंजूरी मनपा द्वारा दी गई थी। इस क्षेत्र को बाद में पाटा गया। गड्ढों की जानकारी मिलने मनपा द्वारा हेल्पलाइन बनाई गई है। 020-25501083 हेल्पलाइन नंबर पर नागरिक गड्ढों के बारे में जानकारी दे सकते है। शहर में बुनियादी सुविधाओं के कई कार्य तेजी से जारी है। मेट्रो, 24 बाइ 7 तथा अन्य योजनाओं के लिए कई जगहों पर खुदाई की गई है। कुछ जगहों पर जरूरी मेन्टेनेंस के कार्य जारी है। 11 शामिल गांवों सड़कों के बगल में बारिश गटर लाइन नहीं होने से पानी नहीं बहने से गड्ढे बन जाते है। इस बार पहली बार सड़कों के गड्ढों को पाटने केमिकल कॉन्क्रीट का इस्तेमाल किया गया। ट्रैफिक पुलिस व मेट्रो के अधिकारियों के वाटस् एप ग्रुप बनाए है। जिनमें गड्ढों की जानकारी दी जाती है। बारिश से पहले सभी महत्वपूर्ण कार्य किए गए थे। अब जल्द गड्ढे पाटने का कार्य किया जाएगा।

आखिर में महापौर मुक्ता तिलक ने कहा कि सड़कों को बनाने के बाद उनके कार्यकाल पूरा होने से पहले गड्ढे बनने पर संबंधित कॉन्ट्रैक्टर पर क्या कार्रवाई की जाएगी? यह तय करना जरूरी है। डामर कोठी से कितना और कैसा डामर आता है। इसकी जांच करनी चाहिए। शहर की सड़कों पर बने गड्ढे दस दिनों में पाटने का आदेश प्रशासन को दिया गया।