मुंबई: समाचार ऑनलाइन- आख़िरकार कल यानि सोमवार को ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है. NCP नेता अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. साथ ही 35 अन्य मंत्रियों ने भी यहां शपथ ग्रहण की. हालांकि अभी तक विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है. फिर भी मुंबई स्थित मंत्रालय में नए मंत्रियों को उनके ऑफिस देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. हालांकि, उप मुख्यमंत्री अजित पवार सहित कई मंत्रियों ने ऑफिस नंबर 602 लेने से साफ इनकार कर दिया है. अधिकतर मंत्रियों ने इस ऑफिस से दूरी बनाकर रखी है. इसलिए आख़िरकार नए मंत्रिमंडल को यह कैबिन आवंटित नहीं करने का फैसला लिया गया है. हालांकि इसके पीछे की वजह काफी दिलचस्प और हैरान करने वाली है.
पहले महाराष्ट्र की सत्ता का पावर सेंटर हुआ करता था
बता दें कि यह ऑफिस रूम या केबिन मुख्यमंत्री के ऑफिस के ठीक सामने छठे फ्लोर पर स्थित है. करीब 3 हजार स्क्वायर फीट में फैला यह बड़ा सा केबिन अंधविश्वास के कारण एकांत पड़ा हुआ है. लेकिन एक ऐसा समय भी था, जब इस कमरे को महाराष्ट्र की सत्ता का पावर सेंटर माना जाता था. क्योंकि पहले यहां सीएम और सीनियर मंत्री से लेकर मुख्य सचिव बैठा करते थे.
अब बन गया अनलकी और मनहूस
हालांकि अब मंत्रालय के केबिन नंबर 602 को अनलकी और मनहूस माना जाता है. बताया जाता है कि जिस किसी मंत्री ने भी यह केबिन लिया है, उनके साथ कुछ न कुछ गलत ही हुआ है. किसी को समय से पहले इस्तीफा देना पड़ गया, तो किसी की अचानक मौत हो गई.
इन घटनाओं से गहराया अंधविश्वास
बताया जाता है कि जब साल 2014 में बीजेपी की सत्ता में आई थी, उसके बाद वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे को यह केबिन आवंटित किया गया था. मगर दो साल बाद ही खडसे के उपर एक घोटाले का आरोप लग गया और उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया. फिर इस केबिन को कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर ने अपना ऑफिस बनाया, लेकिन सिर्फ दो साल के अंदर ही मई 2018 में हार्ट अटैक से उनकी अकस्मात मौत हो गई. इन घटनाओं के बाद लगभग 1 साल तक ये केबिन खाली रहा. इतने लंबे समय बाद साल 2019 में बीजेपी के नेता अनिल बोंडे ने इसमें बैठने की शुरुआत की. लेकिन, इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें पराजय मिली. फिर क्या था, इन सभी के पीछे की वजह केबिन 206 को ठहराया गया. तब से लेकर अब तक कोई भी नेता इस केबिन में बैठने को तैयार नहीं. क्योंकि सभी को लगने लगा है कि इसमें बैठने से अनहोनी होती है और यह अनलकी है. इसीलिए इस बार किसी भी मंत्री को यह केबिन नहीं दिया जाएगा.