शरद पवार के बाद इस बड़े नेता ने बताया चुनाव पूर्व महागठबंधन असंभव

कोलकाता। समाचार एजेंसी

भाजपा के खिलाफ समविचारी दलों के महागठबंधन की जद्दोजहद में जुटी कांग्रेस की कोशिशों में फिर खलल पैदा होती नजर आ रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार के बाद अब सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी पार्टियों का महागठबंधन बनाए जाने की संभावना से इनकार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस तरह का गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद ही हो सकता है।

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, भारत में चुनाव के पहले कोई भी महागठबंधन बनाना संभव नहीं है, क्योंकि हमारा देश विविधताओं वाला है। इस बार भी आप वैसा ही देखेंगे, जैसा 1996 और 2004 में देखने को मिला था जब संयुक्त मोर्चा और यूपीए -1 सरकार बनी थी। येचुरी ने कहा कि देश के लोग केंद्र की ‘जनविरोधी सरकार’ से छुटकारा पाना चाहते हैं लेकिन ‘वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक सरकार’ लोकसभा चुनाव के बाद ही बन सकती है। भाजपा – आरएसएस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि वे अगले आम चुनाव से पहले ‘हिंदू सांप्रदायिकता’ के मुद्दे को आगे बढ़ा रहे हैं।

सीपीएम महासचिव ने कहा कि क्षेत्रीय धर्मनिरपेक्ष ताकतें भी आम चुनाव के बाद एकसाथ आएंगी. हालांकि उन्होंने वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष मोर्चा का नाम नहीं बताया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने 1989, 1996 और 2004 के उदाहरण देकर सीपीएम वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष मोर्चा का हिस्सा बनेगी लेकिन केंद्र सरकार को बाहर से समर्थन देने के संकेत दिए। तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, तृणमूल और भाजपा में गुप्त तालमेल है और तृणमूल की भाजपा से लड़ने की विश्वसनीयता नहीं है। कोई भी ऐसी पार्टी पर भरोसा नहीं करता है, जिसने खुद राज्य में लोकतंत्र की हत्या की है।