मायावती और योगी के बाद आजम और मेनका पर चला चुनाव आयोग का डंडा

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – सुप्रीम कोर्ट की  फटकार के बाद हरकत में आये चुनाव आयोग ने मायावती और योगी आदित्यनाथ के  चुनावी रैली करने पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद जया प्रदा पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले आजम खान और मुस्लिम वोटरों को सीधे-सीधे धमकाने वाली भाजपा नेता मेनका गांधी पर भी चुनावी रैली करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है । आजम खान पर 72 घंटे का प्रतिबन्ध लगाया गया है जबकि मेनका गांधी पर 48 घंटे का प्रतिबन्ध लगाया है । ये प्रतिबन्ध 16 अप्रैल की सुबह 10 बजे से लागू हो गया है । चुनाव आयोग की यह शख्ती बताती है कि आने वाले दोनों में राजनीति के और शूरमाओं और बयान बहादुरों पर चुनाव आयोग का हंटर चल सकता है । वैसे चुनाव प्रचार के दौरान मुद्दों से अलग डींगे हांकने वाले और व्यक्तिगत टिप्पणी करने वाले नेताओ की एक लम्बी फेहरिस्त है । चुनाव आयोग के लिए जरुरी होगा की वह सुप्रीम कोर्ट के दखल देने से पहले ही एक्शन में नज़र आये । खासकर शिवसेना नेता संजय राऊत के उस बयान का जरूर संज्ञान लेना चाहिए जिसमे उन्होंने कहा हैं कि  वे कानून मानने वाले लोग नहीं है और भांड में जाये आचारसंहिता। इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है कि एक सांसद खुलेआम संवैधानिक संस्था को चुनौती दे रहा है ।

आजम खान हो या मेनका गांधी ऐसे राजनेताओ को किसी भी तरह से किसी की  भावना से खेलने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए। उम्मीद ये भी की जा रही है कि चुनाव आयोग ऐसे नेताओं के बोल सुधारने के लिए जरुरी हो तो और शख्त कदम उठाये।


आखिर क्या कहा था आजम कहना और मेनका गांधी ने
आजम खान ने रामपुर लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रही जया प्रदा पर बेहद ओछी टिप्पणी की थी । उन्होंने कहा था कि जिसको हमने उंगली पकड़ कर रामपुर लाये, आपने जिससे 10 साल प्रतिनिधित्व करवाया, उसकी असलियत समझने में आपको 17 साल लग गए, मैं 17 दिन में समझ गया था कि इनका अंडरवियर——– रंग का है । वही केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने सुल्तानपुर में एक चुनावी सभा में मुस्लिम वोटरों को धमकाते हुए कहा था कि जिस इलाके में उन्हें सबसे ज्यादा वोट मिलेंगे, सबसे पहले उसी का काम होगा। इसके आलावा एक अन्य प्रचार सभा में उन्होंने मुस्लिम वोटरों को धमकाया था ।