जगताप पर लगाए सभी गंभीर आरोप वापस लेने के बाद शिवसेना- भाजपा का मनोमिलन 

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से मावल चुनाव क्षेत्र में शिवसेना और भाजपा को जिस घड़ी का इंतजार था, वह आ ही गई। भाजपा शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप और शिवसेना सांसद व मावल के प्रत्याशी श्रीरंग बारणे का मनोमिलन हो गया। बीती देर रात वाकड़ के एक फाइव स्टार होटल में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ‘संकटमोचक’ व राज्य के जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन की मध्यस्थता कामयाब हुई। इसके बाद सोमवार को पिंपरी में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जगताप- बारणे ने उनके बीच के सारे मतभेद दूर होने और नरेंद्र मोदी को पुनः प्रधानमंत्री बनाने के लिए एकजुट होने की घोषणा की। 

पिंपरी कैम्प में हुई पहली बैठक
बहरहाल यह मनोमिलन जिन शर्तों पर हुआ है उसमें सांसद बारने द्वारा विधायक जगताप पर लगाए सभी आरोप वापस लेने और पिंपरी विधानसभा की सीट जोकि शिवसेना के कब्जे में है, भाजपा के लिए छोड़ने की शर्तें शामिल है। इसमें से आरोप वापस लेने की घोषणा सांसद बारणे ने खुले तौर पर की। जबकि इस संवाददाता सम्मेलन से पहले पिंपरी कैम्प में सेवा विकास बैंक के चेयरमैन एड अमर मूलचंदानी के दफ्तर में बारणे व जगताप की बैठक में पिंपरी विधानसभा की सीट भाजपा के लिए छोड़ने की बात तय होने की खबर है। ज्ञात हो कि पिंपरी से फिलहाल शिवसेना के एड गौतम चाबुकस्वार विधायक हैं और इस सीट से विधायक जगताप की कट्टर समर्थक व वरिष्ठ नगरसेविका सीमा सावले तीव्र इच्छुक है।
दोनों के बीच था ‘३६’ का आंकड़ा
ज्ञात हो कि, पिंपरी चिंचवड के समावेश वाली मावल लोकसभा की सीट शिवसेना के पास है। यहां के सांसद श्रीरंग बारणे और भाजपा शहराध्यक्ष लक्ष्मण जगताप के बीच 36 का आंकड़ा है। जगताप भी मावल से इच्छुक थे, मगर युति होने के बाद उनके मनसूबों पर पानी फिर गया। शिवसेना पर प्रत्याशी बदलने को लेकर अपनाया गया दबावतंत्र बेअसर साबित होने व सांसद बारणे को पुनः प्रत्याशी बनाये जाने से विधायक जगताप नाराज थे। उन्होंने पहली ही समन्वय बैठक में अनुपस्थित रहकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी। एक समारोह में वे राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रत्याशी पार्थ पवार के साथ भी नजर आए। नाराजगी दूर करने के लिए बारणे ने जगताप के गढ़ पिंपले गुरव में उनसे मुलाकात की। उनके बाद शिवसेना नेता डॉ नीलम गोरहे व राज्यसभा सांसद संजय राउत और जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन ने भी जगताप से चर्चा की। मगर उनकी नाराजगी दूर न हो सकी।
 
आरएसएस व मुख्यमंत्री की दखलंदाजी
विधायक जगताप की नाराजगी के चलते भाजपा के स्थानीय नगरसेवक व नेता भी बारणे के प्रचार से दूर रहे। आखिरकार आरएसएस को इसमें दखलंदाजी करनी पड़ी। उसी में हालिया सामने आए सर्वे में भाजपा और एनडीए की सीटें कम बताई जा रही हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जगताप- बारणे के विवाद में हस्तक्षेप किया। इसके चलते उनके ‘संकटमोचक’ रहे जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन ने बीती रात वाकड़ के एक होटल में फिर दोनों नेताओं के साथ चर्चा की। महाजन की यह दूसरी बैठक सकारात्मक रही। आज जगताप- बारणे ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर उनके मतभेद दूर होने की घोषणा की। यही नहीं जगताप ने बारणे के दो लाख वोटों की लीड से जीतने का भरोसा दिलाया। इस मौके पर सांसद अमर साबले, विधायक महेश लांडगे, गौतम चाबुकस्वार, शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे समेत महायुति के आला नेता मौजूद थे।