फिर सामने आया राहुल गांधी का आधा-अधूरा ज्ञान

भोपाल | समाचार ऑनलाइन – कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मध्य प्रदेश से ‘कमल’ को मिटाने की हर संभव कोशिश में लगे हैं. इसी के तहत वह सोमवार को उज्जैन पहुंचे, महाकाल के दर्शन किये और भोलेनाथ से कांग्रेस की डूबती नैया पार लगाने की गुहार लगाई. उज्जैन में राहुल ने दशहरा मैदान पर एक सभा भी आयोजित की, जहाँ मंच से उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला. हालांकि, इस दौरान उनका राज्य सरकार पर लगाया गया एक आरोप बेहद चर्चा में रहा, और उसका परिणाम भी वही हुआ जो अक्सर होता है. यानी आरोप लगाने वाले राहुल खुद कठघरे में खड़े नज़र आये. दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने भाषण में एक महिला का जिक्र करते हुआ कहा कि राज्य में गरीबों की स्थिति यह है कि पहले उन्हें एक लाख रुपए का बिजली बिल भेजा जाता है, और जमा न करने पर उन्हें जेल में डाल दिया जाता है. जबकि विजय माल्या 9 हजार 500 करोड़ लेकर देश से भाग गया. सभा में मौजूद कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी कुछ देर के लिए यह सुनकर भौचक रहा गए, क्योंकि उन्हें भी ऐसे किसी मामले का इल्म नहीं था.

राहुल के सभा स्थल से जाने के बाद यह चर्चा होने लगी कि आखिर वो महिला कौन है? मीडिया भी महिला की खोज में जुट गया. काफी दौड़भाग के बाद पता चला कि उज्जैन से 29 किमी दूर सिलारी गांव में बिजली बिल से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया था. जब मामले की परतें हटाई गईं, तो राहुल गांधी एक बार फिर कुछ हद तक गलत साबित हुए. इस गांव में राजूबाई आंजना अपने परिवार के साथ रहती थीं. कुछ वक़्त पहले बिजली कंपनी ने उन्हें लगभग 86 हजार रुपए का बिल भेजा था. जब महिला का परिवार इतनी बड़ी राशि जमा नहीं कर पाया, तो कंपनी ने कोर्ट केस किया और पुलिस महिला के बेटे रामेश्वर को गिरफ्तार कर ले गई.

‘मलाई’ के लिए ठेकेदार से हाथापाई मामले में नया खुलासा!

अपने बेटे की गिरफ़्तारी का सदमा राजूबाई बर्दाश्त नहीं कर पाईं और उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वैसे, इस मामले में राज्य सरकार की याददाश्त पर भी सवाल उठे हैं. शिवराज सिंह के ऊर्जा मंत्री ने ऐसे किसी मामले को मानने से ही इंकार किया है. उनका कहना है कि भाजपा सरकार ने सभी गरीबों के बिल माफ़ कर दिए हैं, मुझे ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं है. इस खबर से एक बार फिर यह साबित होता है कि राहुल गाँधी को घटनाओं या आंकड़ों का जिक्र करने से पहले ज्यादा ध्यान करने की ज़रूरत है, गलत तथ्य किसी और की नहीं बल्कि उनकी एवं कांग्रेस पार्टी की छवि ही खराब करते हैं.