सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एम्स में होगा माकपा नेता तारिगामी का इलाज

नई दिल्ली, 5 सितम्बर (आईएएनएस)|  सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मार्क्‍सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्थानांतरित करने का आदेश दिया। तारिगामी अनुच्छेद-370 के रद्द होने के बाद से जम्मू-कश्मीर में नजरबंद हैं। उनके गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि उनका स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता है।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी द्वारा तारिगामी की नजरबंदी को चुनौती देने वाली एक याचिका दायर की गई थी। इस पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र की प्रतिक्रिया मांगी।

येचुरी के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन ने अदालत को बताया कि श्रीनगर की अपनी हालिया यात्रा के दौरान येचुरी ने पाया कि तारिगामी के आंदोलन को प्रतिबंधित कर दिया गया है और उनके सुरक्षा वाहनों को वापस ले लिया गया है।

रामचंद्रन ने इस संबंध में दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।

येचुरी ने हिरासत में लिए गए अपनी पार्टी के सहयोगी तारिगामी से मिलने के लिए घाटी की अपनी यात्रा के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था।

शीर्ष अदालत ने 28 अगस्त को येचुरी को तारिगामी से मिलने की अनुमति दी थी। हालांकि कोर्ट ने उन्हें मुलाकात के अलावा किसी अन्य गतिविधि में शामिल होने से रोक दिया था।

यह आदेश येचुरी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के बाद आया, जिसके तहत पांच अगस्त को अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के बाद तारिगामी की नजरबंदी को चुनौती दी गई थी। याचिका में यह भी कहा गया है कि तारिगामी का स्वास्थ्य बेहतर नहीं है और येचुरी उनसे मिलना चाहते हैं।