एयर स्ट्राइक में कोई पाक विमान एलओसी पार नहीं कर सका : वायुसेना प्रमुख

ग्वालियर : समाचार ऑनलाईन –  वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी सेना का कोई विमान भारत के हवाई क्षेत्र में नहीं घुस पाया था. कोई भी हमारी एलओसी को क्रॉस नहीं कर सकता है. हमने 26 फरवरी को आतंकी कैम्प ध्वस्त कर अपना लक्ष्य हासिल किया. इसके बाद पाक के विमान भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले के लिए आए, लेकिन नाकाम रहे.

एयर चीफ मार्शल धनोआ सोमवार को करगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने पर ग्वालियर एयरबेस पर बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान टाइगर हिल पर वायुसेना के हमले को रिक्रिएट किया गया. धनोआ ने कहा कि हमने 27 फरवरी को कुछ घंटों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद किया था. अगर अब भी पाकिस्तान ने अपना क्षेत्र बंद कर रखा है तो यह उनकी समस्या है. हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत है और हवाई यातायात बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है.

तनाव के दौरान हमने एयर ट्रैफिक नहीं रोका
उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने अपने सिटीजन एयर ट्रैफिक को कभी नहीं रोका. केवल 27 फरवरी को हमने श्रीनगर हवाई क्षेत्र को 2-3 घंटे के लिए बंद कर दिया था. उस वक्त दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति थी, लेकिन हमारी हवाई सेवाओं पर कोई असर नहीं हुआ.

वायुसेना के पास एएन-32 विमान का विकल्प नहीं
धनोआ ने एएन-32 विमान हादसे पर कहा कि हमारे पास इस एयरक्राफ्ट का विकल्प मौजूद नहीं है, ऐसे में एएन-32 विमान पहाड़ी क्षेत्रों में उड़ान भरता रहेगा. पिछले दिनों यह विमान अरुणाचल प्रदेश में क्रैश हो गया था, जिसमें 13 लोगों की जान चली गई थी.

मिराज विमानों ने टाइगर हिल पर हमले किए थे
वायुसेना ने 24 जून 1999 को करगिल के द्रास सेक्टर स्थित टाइगर हिल पर पाक घुसपैठियों पर हमले किए थे. ग्वालियर एयरबेस पर इसे रिक्रिएट किया गया. मिराज 2000 विमानों ने टाइगर हिल के मॉडल पर हमले किए. यहां 5 मिराज, 3 मिग 21 और एक सुखोई 30 लड़ाकू विमान भी डिस्प्ले में रखे गए. 26 फरवरी को बालाकोट स्ट्राइक में मिराज 2000 ने ही आतंकी ठिकानों पर स्पाइक बम गिराए थे. ग्वालियर में इनकी तीन स्क्वॉड्रन हैं. धनोआ ने कहा कि करगिल युद्ध के दौरान महज 12 दिन में मिराज को लेजर गाइडेड बम सिस्टम से लैस किया गया था.