दोस्त को कुलपति बनाने के लिए बन गया अमित शाह, फिर राज्यपाल को सीधे फोन कर दिया नियुक्ति का ‘आदेश’

समाचार ऑनलाइन– मध्य प्रदेश के आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (जबलपुर)  में अपने दोस्त को कुलपति बनवाने के लिए एक शख्स ने सीधे राज्यपाल को फोन लगा दिया वह भी गृह मंत्री अमित शाह बनकर. और तो और यह शख्स भी कोई ऐसा-वैसा नहीं है, बल्कि एयरफोर्स का विंग कमांडर है. हालांकि इन बड़े पद पर तैनात होने के बावजूद इस तरह का कृत्य करने पर सभी अधिकारी हैरत में पड़ गए हैं.

क्या है मामला

मध्य प्रदेश एसटीएफ के एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि, आरोपी विंग कमांडर का नाम कुलदीप वाघेला हैं, जो कि दिल्ली में पदस्थ हैं. उनके दोस्त भोपाल के साकेत नगर निवासी डॉक्टर चंद्रेश कुमार शुक्ला ने आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय  में कुलपति के पद के लिए अप्लाई किया था. इसलिए कुलदीप को कहा था कि क्या वह किसी बड़े आदमी द्वारा राज्यपाल से उसकी सिफारिश कर सकता है? फिर कुलदीप दोस्त को विश्वास दिलाया कि वह गृह मंत्री अमित शाह से राज्यपाल को फोन लगवा देगा. लेकिन वह यह करने में सफल नहीं हो सका और खुदने ही गृह मंत्री बनकर राज्यपाल से बात कर ली और दोस्त डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला को कुलपति पद पर नियुक्त करने का आदेश दे दिया.

राज्यपाल को हुआ शक

हालाँकि राज्यपाल लालजी टण्डन को बातचीत के तरीके पर शक हुआ. इस फोन के बारे में फिर राज्यपाल के अधिकारीयों द्वारा गृहमंत्री के ऑफिस में पूछताछ की गई. लेकिन वहां से इस तरह के किसी भी फोन से इंकार कर दिया गया. इसके बाद यह मामला अब जाँच के लिए मध्य प्रदेश एसटीएफ के पास चला गया है.

एसटीएफ ने इस मामले में धारा 419 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी, जिसमें पाया गया कि यह फर्जी फोन करने वाला कोई और नहीं बल्कि एयरफोर्स के विंग कमांडर कुलदीप वाघेला हैं. इसके बाद कुलदीप को दिल्ली और डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया है.

आरोपी, मप्र के राज्यपाल निवास पर पहले कर चुका है ड्यूटी

बता दें कि एसटीएफ एडीजी ने बताया कि आरोपी विंग कमांडर कुलदीप वाघेला पहले मध्य प्रदेश के राज्यपाल निवास पर तैनात रह चुका है, इसलिए वह जानता था कि राज्यपाल से फोन पर कैसे बात हो सकती है. इस बात का उसने फायदा उठाया और सीधे राज्यपाल को ही आदेश दे डाला.

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