असम में तनाव का माहौल; सुरक्षा बलों की २२० कम्पनियाँ तैनात

नई दिल्ली। समाचार ऑनलाइन 

देश के पूर्वी राज्य असम में एक करोड़ चालीस लाख लोगों की नींद उड़ी हुई है। पुरे राज्य में तनाव की स्थिति को ध्यान में लेकर यहाँ सुरक्षा बलों की २२० कंपनियां तैनात की गई है। असल में असम राज्य में बसे लाखों लोगों को डर है कि जहां वो बरसों से रह रहे हैं, वहां वो विदेशी ना बना दिए जाएं। दूसरे ड्रॉफ्ट को जारी करने की तैयारी हो चुकी है। सोमवार को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन एनआरसी की दूसरी लिस्ट आ रही है। एनआरसी में उन सभी भारतीय नागरिकों या परिवारों को शामिल किया जायेगा जो उनके 25 मार्च, 1971 से पहले से असम में रह रहे हैं। असम में राज्य के नागरिकों की पहचान के लिए 2015 में ये कवायद शुरू हुई। एनआरसी मकसद राज्य में अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान करना है। 

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असम में बांग्लादेश से लाखों लोगों के अवैध घुसपैठ का दावा किया जाता है। एनआरसी यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन की पहली लिस्ट 31 दिसंबर 2017 को जारी हुई थी। पहली लिस्ट में असम की 3.29 करोड़ आबादी में से 1.90 करोड लोगों को शामिल किया गया था। अब 1.40 करोड़ लोगों को दूसरी लिस्ट में अपने नाम के एलान की उम्मीद है। जिसे भी अपना एनआरसी में चेक करना है वो 30 जुलाई से 28 सितंबर तक एनआरसी सेवा केन्द्र जाकर सुबह दस बजे से चार बजे तक देख सकते हैं। इसके साथ ही टोलफ्री नंबर (असम से 15107, असम के बाहर से 18003453762) पर फोन कर भी अपना नाम चेक कर सकते हैं। इसके साथ ही एनआरसी की वेबसाइट पर भी लिस्ट चेक की जा सकती है। जिन लोगों का नाम पहली लिस्ट में नहीं आया था उनके बीच चिंता जरूर है। अभी ये बात भी साफ नहीं है कि जिनका नाम एनआरसी में नहीं होगा उनका क्या होगा? 

एनआरसी से जुड़े एक बड़े अधिकारी ने बताया, ड्रॉफ्ट में जिनके नाम उपलब्ध नहीं होंगे उनके पास दावों और शिकायतों रके लिए पर्याप्त गुंजाइश होगी. अगर वास्तविक नागरिकों के नाम दस्तावेज में मौजूद नहीं हों तो वे घबरायें नहीं। ऐसे महिला या पुरुषों को एक फॉर्म को भरना होगा। ये फॉर्म 7 अगस्त से 28 सितंबर के बीच उपलब्ध होंगे। इस फॉर्म के ज़रिए वो संबंधित अधिकारियों से पूछ सकते हैं कि उनका नाम लिस्ट में न होने का क्या कारण है। अधिकारियों को उन्हें इसका कारण बताना होगा कि मसौदा में उनके नाम क्यों छूटे। इसके बाद एक दूसरा फार्म भरकर ज़रूरी दस्तावेजों के साथ भारत की नागरिकता साबित करने के लिए अपना दावा पेश कर सकते हैं। यह फॉर्म 30 अगस्त से 28 सितंबर तक मिलेगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री तक ये भरोसा दिला चुके हैं कि जिनका नाम दूसरी लिस्ट में भी नहीं होगा उन्हें विदेशी नहीं माना जाएगा। ऐसे लोगों को आपत्ति और शिकायत दर्ज कराने के लिए मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे एनआरसी मसौदा सूची पर आधारित किसी मामले को विदेश न्यायाधिकरण को नहीं भेजें।