बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर कार्रवाई से बैंकिंग क्षेत्र में नाराजगी

पुणे। पुणे समाचार ऑनलाइन

निवेशकों से धोखाधड़ी और बैंक लोन के फर्जीवाड़ा के मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सीएमडी समेत चार वरिष्ठ अधिकारियों की गिरफ्तारी से पूरे बैंकिंग क्षेत्र में नाराजगी व्याप्त है। डीएसके घोटाले में बैंक के उच्चाधिकारियों के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से पुणे पुलिस की दिक्कतें भी बढ़ गई हैं। वहीं इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) अब बैंक ऑफ महाराष्ट्र के गिरफ्तार आला अधिकारियों के समर्थन में खड़ा हो गया है। संगठन का कहना है कि, डीएसके के निवेशकों से की गई धोखाधड़ी और फर्जी लोन दोनों भी अलग-अलग मामले हैं।

पुणे के डीएसके ग्रुप के मालिक डीएस कुलकर्णी और उनकी पत्नी हेमंती को 4,000 निवेशकों से 1,150 करोड़ रुपये की ठगी करने और करीब 2,900 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज के फर्जीवाड़े के आरोप में फरवरी में गिरफ्तार किया गया था। उनकी फर्जी कंपनियों को कर्ज देने के मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने हालिया बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सीएमडी रविंद्र मराठे, कार्यकारी निदेशक राजेंद्र गुप्ता समेत चार उच्चाधिकारियों को गिरफ्तार किया है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के इन अधिकारियों की गिरफ्तारी से पूरा बैंकिंग इंडस्ट्री नाराज है।

आईबीए ने इस मामले को राज्य सरकार के सामने उठाते हुए समाधान की मांग की है। संगठन के मुख्य कार्यकारी जी वी कन्नन ने कहा, समूचा बैंकिंग समुदाय बैंक ऑफ महाराष्ट्र मैनेजमेंट के साथ है और आईबीए ने टॉप अथॉरिटी से संपर्क करने का फैसला किया है। डीएसके ने अपने निवेशकों के साथ जो धोखाधड़ी की है उससे बैंक का कोई सरोकार नहीं है। कर्ज वसूली को लेकर बैंक प्रबंधन की कोशिशें जारी है। वहीं इस तरह की कार्रवाई करने से पहले पुणे पुलिस ने न तो आरबीआई से अनुमति ली न ही राज्य के गृह विभाग को इसकी कोई जानकारी दी। इससे पुणे पुलिस की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं।