मोदी सरकार का एक और बड़ा फैसला- कृषि की लागत घटाने और आमदनी बढ़ाने के बिल को कैबिनेट ने दी मंजूरी

नई दिल्ली, 12 फरवरी – बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में कीटनाशकों की कीमतों से जुड़े बिल को मंजूरी मिल गई है. अब कंपनियां किसानों को मनमानी कीमत पर कीटनाशक नहीं बेच पाएंगी. नये कानून में कीटनाशकों के निर्माण, बिक्री, आयात, परिवहन उपयोग और वितरण को कवर किया गया है. इसके पीछे सरकार का मकसद कृषि रसायनों की कीमतें सस्ती करना और यह किसानों को आसानी से उपलब्ध कराना है.
कैबिनेट ने मेजर पोर्ट अथॉरिटी बिल 2020 को भी मंजूरी दी है. इससे 11 पोर्ट ट्रस्ट अथॉरिटी में बदल जाएंगे. फिर यह अपनी मर्जी से टैरिफ फिक्स कर पाएंगे. इसे अब संसद से पास कराया जाएगा.
किसानों का क्या फायदा पेस्टीसाइड मैनेजमेंट बिल 2020 को संसद से पास कराया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार एक अथॉरिटी का गठन करेगी जो तय कीटनाशकों को बेचने के लिए कीमत तय करेगा. इसके लागू होने से कंपनियां मनमाने तरीके से कीटनाशकों के लिए पैसे नहीं वसूल पाएगी. यह बिल कीटनाशक अधिनियम 1968 की जगह लेगा.
14 करोड़ किसानों को अब 6000 रुपए की निधि के फायदे के लिए एक कीटनाशक बोर्ड गठित किया जाएगा. इसमें किसानों को शामिल कियचा जाएगा जो किसानों के हितों का ध्यान रखेगा. बाजार में नया कीटनाशक लॉन्च करने से पहले इसकी अनुमति लेनी पड़ सकती है.
अगर कीटनाशक बनाने वाली कंपनियां नियमों का उल्लंघर करेगी तो उन्हें 25 हजार से 50 लाख रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता हैं. मौजूदा समय में यह जुर्माना 500 रुपए से लेकर 75 हजार रुपए तक है.  इस बिल में पांच साल की जेल का भी प्रावधान है. जबकि मौजूदा कानून में 2 साल तक की जेल का प्रावधान है.