बिल्डर डीएसके को कोर्ट से मिला और एक ‘झटका’

पुणे : समाचार ऑनलाईन – डीएसके की संपत्ति की नीलामी से आए रुपयों को निवेशकों में वितरित करने को प्राथमिकता दी जाए। इस मांग का आवेदन निवेशकों की ओर से आया था। इस आवेदन पर सरकारी पक्ष ने लिखित रूप से कहा है कि निवेशकों को उनके निवेश के मुताबिक रकम लौटाई जाए।

सरकारी पक्ष की ओर से बुधवार को कोर्ट में अपना मत पेश किया। विशेष न्यायाधीश ए।एस।भैसारे के कोर्ट में यह मत पेश किया गया। निवेशकों का आकर्षक रिटर्न देने का लालच देकर डीएसके ने कई कंपनियों के हजारों निवेशकों से करोड़ों रुपयों की धोखाधड़ी की है।

अधिकारी इस मामले में जेल में बंद हैं
डीएसके उनकी पत्नी, बेटा, कुछ रिश्तेदार और कंपनी के अधिकारी इस मामले में जेल में बंद हैं। ठगी के शिकार निवेशकों को आज रुपयों की जरूरत है। कोई बीमार है तो किसी को अन्य जरूरतों के लिए रुपयों की आवश्यकता है। बैंकों और सरकार के पास रुपए वसूलने के लिए दूसरे विकल्प है। नीलामी के बाद आए रुपयों को बैंक और सरकार को देने की आशंका करीब 20 निवेशकों ने एड्। सुदीप केंजलकर के द्वारा कोर्ट में व्यक्त की है और अपने रुपयों की मांग की है। बुधवार को सरकारी पक्ष की ओर से दाखिल किए गए अपने मत में कहा कि निवेशकों को अपने निवेश के मुताबिक (प्रोराटा पद्धति) से पैसे वापस लौटाए जाएं। इस बीच यह मांग गुणवत्तापूर्ण नहीं होने के कारण इसे खारिज करने की मांग भी जिरह के दौरान हुई।

निवेशकों के वकील एड्। सुदीप केंजलकर ने कहा कि कोर्ट में जमा की गई रकम निवेशकों में किस प्रकार बांटी जाए। इसकी क्या रूपरेखा होगी तथा प्रोराटा पद्धति को किस तरह लागू किया जाए। इस बारे में अभी भी भ्रम की स्थिति है। महाराष्ट्र निवेशकों हितों की रक्षा करने वाले कानून के अनुसार यह आवेदन कोर्ट में पेश किया गया था। निवेशकों का पक्ष अगली सुनवाई के दौरान रखा जाएगा।