नदी प्रदूषण रोकने हेतु पर बनाए कृत्रिम विसर्जन हौद

पिंपरी। समाचार ऑनलाइन  : मांगल्य का प्रतीक रहे गणेशोत्सव को सही मायने में इको फ्रेंडली तरीके से मनाने के लिये एस्पिरिफाय इन्वायरमेंट और आसवानी प्रमोटर्स एंड बिल्डर्स द्वारा लगातार दूसरे वर्ष अनूठा उपक्रम चलाया जा रहा है। पिंपरी चिंचवड़ शहर की जीवनवाहिनी पवना नदी का प्रदूषण रोकने के लिए निजी जमीन पर विसर्जन के लिए कृत्रिम हौद बनाया गया है। पिंपरीगांव के वैभवनगर में तीन कृत्रिम विसर्जन हौद बनाये गए हैं। निजी जमीन पर विसर्जन हौद बनाने का यह पिंपरी चिंचवड़ शहर में पहला अवसर है।
गत साल लोगों से मिली भारी तवज्जो को ध्यान में रखकर यह उपक्रम लगातार दूसरे साल चलाया जा रहा है। पिछले साल यहां साढ़े नौ हजार से ज्यादा गणेश मूर्तियों का विसर्जन किया गया था। इस हौद का उदघाटन पिंपरी चिंचवड़ मनपा की भूतपूर्व नगरसेविका एवं जयहिंद हायस्कूल की रिटायर्ड प्रिंसिपल ज्योतिका मलकाणी के हाथों शुक्रवार शाम उदघाटन किया जाएगा। इस मौके पर उद्योगपति राजू आसवानी, श्रीचंद आसवानी, सतीश आसवानी, अनिल आसवानी आदि उपस्थित रहेंगे।
इस उपक्रम के बारे में जानकारी देते हुए उद्योगपति विजय आसवानी, जिनकी मूल संकल्पना से यह उपक्रम साकारा गया है, ने कहा कि, पिंपरी गांव के  वैभवनगर में 10 से 18 फीट तक गहरे तीन कृत्रिम विसर्जन हौद बनाये गए हैं। इन हौदों में ही गणेश मूर्ति का विसर्जन कर नदी प्रदूषण रोकने को लेकर जयहिंद हाईस्कूल के विद्यार्थी लोगों के घर घर पहुंच रहे हैं। उनके साथ ही स्वयंसेवक भी पिंपरी, चिंचवड, कालेवाडी, पिंपलेसौदागर, पिंपलेगुरव, तानाजीनगर, लिंकरोड इलाकों में घर घर जाकर लोगों व मंडलों के पदाधिकारियों से मिलकर जनजागृति कर रहे हैं।
लोगों में की जा रही जनजागृति का यह असर हुआ कि विसर्जन के पहले ही दिन 500 से ज्यादा हाउसिंग सोसाइटियों और घरेलू गणेश मूर्तियों का विसर्जन इन हौदों में किया गया। विसर्जन के दौरान यहां पर बिजली, पानी, स्वच्छता गृह आदि के साथ भगवान गणेश की आरती के लिए यहाँ पर अलग सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से निजी लाइफगार्ड नियुक्त किये गए हैं। मूर्ति विसर्जन के साथ ही यहां पर निर्माल्य कुंड और पानी का प्रबंध किया गया है। पहले दिन से ही इस उपक्रम को अच्छी तवज्जो मिल रही है।

पर्यावरण और प्रदूषण को लेकर लोग अब ज्यादा जागरूक हो गए हैं। पहले ही दिन करीबन 500 गणेश मूर्तियों का विसर्जन किया गया। गत साल इस उपक्रम में लोग बड़ी तादात में शामिल हुए और कुल 9842 गणेश मूर्तियों का विसर्जन किया गया था। विसर्जन के बाद जमा हुई मिट्टी से आकर्षक गमले बनाये गए हैं, इस साल उन्हें यहां विसर्जन के लिए आनेवाले लोगों व मंडलों को भेंट दी जाएगी। इसकी जानकारी देते हुए उद्योगपति श्रीचंद आसवानी ने लोगों से गणेश मूर्तियों का नदी की बजाय इन कृत्रिम हौदों में विसर्जन करने की अपील की है।