बाबा नहीं बलात्कारी है आसाराम, ताउम्र रहेगा जेल में

जोधपुर: आसाराम बापू के बलात्कारी होने पर जोधपुर की विशेष अदालत ने मुहर लगा दी है। कोर्ट ने नाबालिग दलित युवती से बलात्कार के मामले में आसाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। एससी-एसटी कोर्ट के विशेष जज मधुसूदन शर्मा की अदालत ने बुधवार को इस मामले में सहअभियुक्त शिल्पी और शरतचंद्र को 20-20 साल कैद की सजा सुनाई,जबकि अन्य दो प्रकाश और शिव को रिहा कर दिया। आसाराम को रियायत देने से इनकार करते हुए जज मधुसूदन शर्मा ने कहा कि उनका अपराध घिनौना है और उन्हें मौत तक जेल में रहना होगा। फैसला सुनते ही आसाराम फूट-फूटकर रोने लगा और अपनी पगड़ी उतार दी।

काम नहीं आईं दलीलें
अदालत ने पॉक्सो और एससी-एसटी ऐक्ट समेत 14 धाराओं में आसाराम को दोषी करार दिया है। आसाराम के वकीलों ने सजा कम करवाने के लिए तमाम दलीलें दीं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आसाराम के वकीलों ने कहा कि उनके मुवक्किल को कम से कम सजा दी जानी चाहिए, क्योंकि उनकी उम्र अधिक है। वह 78 वर्ष के करीब है। अपराध के दौरान उनकी आयु 74 वर्ष थी। हालांकि पीड़िता के वकीलों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए आसाराम को कड़ी से कड़ी सजा जाए।