आसाराम को जेल में झटका, किताब पर रोक संबंधी याचिका खारिज

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : उच्चतम न्यायालय ने प्रवचनकर्ता आसाराम बापू के आपराधिक मामलों पर आधारित पुस्तक ‘गनिंग फॉर द गॉडमैन’ के प्रकाशन के अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील शुक्रवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने संचिता गुप्ता की ओर से दायर अपील यह कहते हुए खारिज कर दी कि वह अपनी शिकायत लेकर पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के पास जाएं। याचिकाकर्ता ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसमें उसने हार्पर कॉलिन्स की पुस्तक ‘गनिंग फॉर द गॉडमैन’के प्रकाशन पर जिला अदालत की ओर से लगाई गई एकतरफा रोक हटा दी थी।

आसाराम पर लिखी किताब का पूरा नाम है -गनिंग फॉर द गॉडमैन-द ट्रू स्टोरी बिहाइंड आसाराम बापू कंविक्शन।    इसे अजय पाल लांबा ने लिखा है। अजय पाल लांबा फिलहाल जयपुर में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त हैं। उन्होंने आसाराम की गिरफ्तारी करने वाली टीम की अगुवाई की थी। इस किताब के सह-लेखक संजीव माथुर हैं। बता दें कि अप्रैल 2018 में जोधपुर की स्पेशल कोर्ट ने आसाराम को एक नाबालिग से रेप का दोषी पाया था। आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को फिल्मी अंदाज में दरकिनार कर दिया था। उन्होंने कहा कि संबंधित पुस्तक में उनके मुवक्किल की प्रतिष्ठा से खिलवाड़ किया गया है। पूरी बात सुनने के बाद न्यायालय ने कहा कि वह अपनी फरियाद लेकर उच्च न्यायालय के पास जाएं।