10 हज़ार करोड़ की संपत्ति का मालिक है असुमल उर्फ आसाराम

जोधपुर: दलित एवं नाबालिग युवती से रेप के मामले में एससी-एसटी ऐक्ट और पॉस्को ऐक्ट के तहत केस का सामने कर रहे आसाराम बापू की एक साधारण व्यक्ति से संत का चोला ओड़ने की कहानी बेहद रोचक है। आसाराम का जन्म अप्रैल 1941 में सिंध इलाके (अब पाकिस्तान में) के बेरानी गांव में हुआ था। कम ही लोग जानते हैं कि उनका असली नाम असुमल हरपलानी है। वह सिंधी व्यापारी समुदाय से ताल्‍लुक रखते हैं, उनका परिवार 1947 में विभाजन के बाद अहमदाबाद आ गया था। 1960के दशक में आसाराम ने लीलाशाह को अपना आध्यात्मिक गुरु बनाया और बाद में लीलाशाह ने ही असुमल का नाम आसाराम रखा। भक्तों के बीच अपनी पहचान बनाने के लिए शुरुआत में आसाराम द्वारा प्रसाद के नाम पर मुफ्त भोजन वितरित किया जाता था। आसाराम की वेबसाइट के अनुसार दुनिया भर में उनके चार करोड़ अनुयायी हैं।

देश-विदेश में 400 आश्रम
आसाराम की लोकप्रियता धीरे-धीरे इतनी बढ़ गयी कि उन्होंने अपने बेटे नारायण साईं के साथ मिलकर भारत सहित विदेशों में 400 आश्रमों का नेटवर्क खड़ा कर डाला। एक अनुमान के मुताबिक उनकी संपत्ति 10 हज़ार करोड़ रुपए की है। आसाराम के नेताओं से भी करीबी संबंध रहे हैं। 1990से लेकर 2000 तक उसके भक्तों की सूची में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, नितिन गडकरी तक शामिल थे। इसके अलावा दिग्विजय सिंह, कमल नाथ, मोतीलाल वोरा जैसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के साथ-साथ भाजपा के वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री जैसे कि शिवराज सिंह चौहान, उमा भारती, रमन सिंह, प्रेम कुमार धूमल और वसुंधरा राजे तक आसाराम के दर्शन के लिए पहुंचते रहे हैं।

…जब बनाने लगे दूरी
जब 2008 में आसाराम के मुटेरा आश्रम में 2 बच्चों की हत्या का मामला सामने आया, तो नेताओं ने उनसे दूरी बनाना उचित समझा। हालाँकि अब ये दूरी दिखावटी तौर पर थी या नहीं, कहना मुश्किल है। मालूम हो कि 5 जुलाई2008 को आसाराम के मुटेरा आश्रम के बाहर मौजूद साबरमती नदी के सूखे तल में 10 वर्षीय अभिषेक वाघेला और 11 वर्षीय दीपेश वाघेला के अध-जले शव मिले थे। अहमदाबाद के इन भाइयों के अभिवावकों ने कुछ दिन पहले ही उनका दाखिला आसाराम के ‘गुरुकुल’ नामक स्कूल में करवाया था। मामले की जांच के लिए डीके त्रिवेदी कमिशन बना लेकिन रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं की गई। 2012 में पुलिस ने आश्रम के सात कर्मचारियों पर गैर-इरादतन हत्या के आरोप तय किए। मामला अहमदाबाद के सत्र न्यायालय में लंबित है।

जब भक्त ही बना पीड़ित
अगस्त 2013 में आसाराम के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करवाने वाला शाहजहांपुर निवासी पीड़िता का आसाराम का भक्त रह चुका था। पीड़िता के पिता ने अपने खर्चे पर शाहजहांपुर में आसाराम का आश्रम बनवाया था। आसाराम में भक्ति के चलते उसने अपने दो बच्चों को आसाराम के छिंदवाड़ा स्थित गुरुकुल में पढ़ने के लिए भेजा। 7 अगस्त2013 को पीड़िता के पिता को फोन आया और उन्हें बताया गया कि उनकी16 वर्षीय बेटी बीमार है।  अगले दिन माता-पिता गुरुकुल पहुंचे तो बताया गया कि बेटी पर भूत-प्रेत का साया है जिसे आसाराम ही ठीक कर सकता है। 14 अगस्त को पीड़िता का परिवार आसाराम से जोधपुर में मिला। मुकदमे में दायर चार्जशीट के अनुसार आसाराम ने 15 अगस्त को 16 वर्षीय पीड़िता को ‘ठीक’ करने के बहाने से अपनी कुटिया में बुलाकर बलात्कार किया।