ATM धोखाधड़ी: एक साथ नहीं कर पाएँगे दो ट्रांजेक्शन! इसके अलावा बैंक ले सकती हैं ‘ये’ निर्णय…

समाचार ऑनलाइन – भागमभाग के इस दौर में बैंको ने ट्रांजैक्शन के लिए ऑनलाइन औऱ एटीएम जैसी सुविधाए मुहैय्या कराई है, ताकी ग्राहक बैंको में लाईन में लगने से बच सके. साथ ही सरकार द्वारा चलाए ज़ा रहे डिजिटल अभियान के अंतर्गत केशलेश औऱ ऑनलाइन ट्रांजेक्शन क़ो बढ़ावा मिले. लेकिन इन सुविधाओं के साथ धोखाधड़ी के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं.

इस तरह की धोखाधड़ी से निपटने के लिए दिल्ली राज्य-स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) ने बैंकों को सुझाव दिया है कि, ATM के दो लेनदेन के बीच कम-से-कम 6 से 12 घंटे का अंतराल होना चाहिए. क्योंकि लगातार ATM के इस्तेमाल से हो रही चोरियों के मामलों में इजाफा होने से ग्राहकों के साथ-साथ बैंक भी काफ़ी परेशान हैं.

रात में बड़े है धोखाधड़ी के मामलें…

दिल्ली एसएलबीसी के संयोजक तथा ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) के एमडी और सीईओ मुकेश कुमार जैन का कहना है कि, ATM के साथ होने वाली छेड़छाड़ औऱ धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा मामले रात में ही होते हैं. इनका समय लगभग आधी रात से लेकर सुबह तक का होता है. उनका कहना यह भी है कि ATM के दो लेनदेन के बीच समय अंतराल आने से धोखाधड़ी कम हो सकती है. इस योजना पर पिछले सप्ताह 18 बैंक प्रतिनिधियों की बैठक के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी. आने वाले समय में प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है, तो लोग एक साथ दो ट्रांजेक्शन नहीं कर पाएंगे.

ATM से की गई धोखाधड़ी के मामले…

देश के पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान ATM धोखाधड़ी के सबसे ज़्यादा मामलें महाराष्ट्र में प्रकाश में आये, जिनकी संख्या 233 है. जबकि दूसरे स्थान पर 179 मामलों के साथ देश की राजधानी दिल्ली दूसरे स्थान पर रहा.

एक रिपोर्ट में जैन के हवाले कहा गया है कि, SLBC की मीटिंग में बैंकर्स ने कई सुझाए दिए हैं, जैसे  खाताधारकों को पैसे निकालने से पहले एक वन-टाइम पासवर्ड भेजा जाए,  जिसका प्रयोग कर वे पैसे निकाल सकेंगे. पिछले कुछ समय से विदेशी नागरिकों के साथ कार्ड की क्लोनिंग के मामले भी काफ़ी बढ़े हैं.

 ATM  गार्ड्स की हो सकती है छुट्टी …

जी हाँ, यदि ओबीसी द्वारा सुझाई गई सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम पर कोई निर्णय किया जाता है, तो  कई ATM सिक्यूरिटी गार्ड्स क़ो अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है. अभी 2,600 एटीएम में से 300 ATM ही सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम द्वारा कवर्ड हैं. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के एमडी के का मानना है कि यह योजना  लागू होने पर जाती है, लगभग 50 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत होने की उम्मीद है,  क्योंकि इस सिस्टम के बाद ATM पर गार्ड की जरूरत नहीं होगी.