शोक प्रस्ताव का विरोध करनेवाले एमआईएम नगरसेवक को एक साल की सजा

औरंगाबाद। पुणे समाचार ऑनलाइन

देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के देहांत पर शोक प्रस्ताव का विरोध जताना औरंगाबाद मनपा में एमआईएम के नगरसेवक मतीन सय्यद को महंगा साबित हुआ है। इस मामले के साथ ही एमपीडीए व जातीय तनाव निर्माण करने समेत अन्य मामलों में अदालत ने उसे एक साल की सजा सुनाई है। फिलहाल उसकी रवानगी हरसुल जेल में की गई है।

पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी के देहांत से पूरे देशभर में शोक व्याप्त है। हर स्तर, हर तबके से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। 17 अगस्त को औरंगाबाद मनपा की विशेष सर्व साधारण सभा में अटलजी के देहांत पर शोकसभा में एमआइएम के नगरसेवक मतीन सय्यद द्वारा विरोध जताए जाने से हंगामा मचा। भाजपा के आक्रोशित नगरसेवकों ने उसकी जमकर पिटाई की। यही नहीं महापौर से उसके खिलाफ मामला दर्ज कर नगरसेवक पद खारिज करने की मांग भी की। सर्व साधारण सभा में मतीन सय्यद से मारपीट के बाद उसके समर्थकों द्वारा मनपा परिसर में तोड़फोड़ मचाई थी।

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अस्पताल में इलाज के दौरान ही मतीन को कैदी वार्ड में शिफ्ट किया गया। यहां से डिस्चार्ज मिलते ही गिरफ्तार किया गया। उसके खिलाफ सिटी चौक पुलिस ने एमपीडीए और महाराष्ट्र जातीय व सामाजिक तनाव व विघातक कृत्यों को प्रतिबंध करने समेत अन्य मामले दर्ज किये गए हैं। गिरफ्तारी के बाद उसे हरसुल जेल भेजा गया था। मंगलवार को उसे जमानत मिल गई मगर पुलिस ने तुरंत उसे एमपीडीए के तहत गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि मतीन की आपराधिक पृष्ठभूमि को देखते हुए वह बाहर रहकर दो समुदायों में तनाव की स्थिति पैदा कर सकता है। इसके चलते उसे सालभर के लिए जेल में भेज दिया गया है।