कुत्ते की मौत मरा बगदादी, ISIS सरगना की मौत की पूरी कहानी

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – आईएसआईएस सरगना खलीफा अबु अल बकर बगदादी शनिवार रात को अमेरिकी सेना के ऑपरेशन में मारा गया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद इसकी जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का सरगना अपनी मौत के समय महज 48 साल का था। बहुत कम समय में उसने इराक और सीरिया में बर्बरता फैला रखा था। इसे देख लोग डरे सहम रहने लगे थे। कौन भूल सकता था वो वीडियो जो वो बनता था।

नारंगी सूट पहने बगदादी के आतंकियों ने कैमरे पर लाइव चाकू से लोगों का गला रेता था और इसका वीडियो बनाकर पूरी दुनिया में वायरल करता था। इस तरह के वीडियो देख लोग बगदादी के आम से सहम जाते थे। हालांकि उनका आज अंत हो गया और वो अमेरिकी सेना के ऑपरेशन में मारा गया। सीरिया के इदलीब प्रांत स्थित बारिशा में शनिवार रात को इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया।


ISIS सरगना की मौत की पूरी कहानी –

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ‘अमेरिकी यूएस स्पेशल ऑपरेशन फोर्सेज के कमाडों ने सबसे पहले शनिवार रात को सीरिया के इडलिब प्रांत के एक गांव बारिशा में बगदादी को घेर लिया। बगदादी आत्मघाती जैकेट पहनकर सुरंग में घुसा और दौड़ने लगा। इस दौरान उसने अपने तीन बच्चों को ढाल बनाकर रखा था। बगदादी अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने के लिए बगदादी किसी भी वक्त अपने आत्मघाटी जैकेट में विस्फोट कर सकता था इसलिए उसके पीछे यूएस स्पेशल ऑपरेशन फोर्सेज के ट्रेंड कुत्तों को लगाया गया। ये खूंखार कुत्ते काफी देर तक बगदादी को दौड़ाते रहे। आखिरकार एक जगह सुरंग खत्म हो गई। अब उनके पास दो ही रास्ता था, ये दोनों ही रास्ते बगदादी को जहन्नुम की ओर लेकर जाते थे। अगर बगदादी सुरंग की दीवार के पास रुक जाता तो अमेरिकी कमांडों की गोलियां उसे छलनी करने को तैयार थी, और अगर वो वापस पीछे आता तो अमेरिकी सैनिकों के ‘शिकारी’ कुत्ते उस पर टूट पड़ते।

बगदादी ने आखिरी में एक चाल चली। उसने आनन-फानन में अपने तीनों बच्चों को अपने पास बुलाया और अपने आत्मघाती जैकेट से ब्लास्ट कर लिया। जोर का धमाका हुआ और पूरी सुरंग ढह गई। आतंकी बगदादी इसमें मिट्टी में मिल गया। इस ऑप्रेशन में अमेरिकी सेना के 70 डेल्टा कमांडोज़ शामिल थे। रिपोर्ट के अनुसार बगदादी को घेरने के लिए डेल्टा कमांडोज के साथ ही हाई ट्रेन्ड डॉग्स और एक रोबोट था जो आत्मघाती हमलों का सामना कर सकते थे। अमेरिकी कमांडोज़ के मिशन का सिर्फ दो ही उद्देश्य था, या तो बगदादी को मारना या फिर उसे जिंदा पकड़कर लाना।

बगदादी की दो पत्नियां भी रह रहीं थीं और दोनों ने आत्मघाती हमले के लिए शरीर पर बम लगा रखा था, लेकिन उन्होंने खुद को उड़ाया नहीं और सैन्य कार्रवाई में मारी गईं। अमेरिकी फायरिंग के दौरान बगदादी की सुरक्षा में लगे लड़ाके भी मार गिराए गए। अमेरिकी सैनिकों को बगदादी तक पहुंचने के लिए रूसी, सीरियाई और तुर्की हवाई क्षेत्र को पार करना पड़ा। अमेरिकी कमांडरों ने मॉस्को, दमिश्क और अंकारा को सूचित किया कि कुछ ‘बड़ा’ ‘होने वाला है, लेकिन उन्होंने सारी जानकारी नहीं दी। इस टीम में चिनूक और ब्लैक हॉक्स हेलिकॉप्टर्स गए थे।