पुणे : पुणे समाचार ऑनलाइन – Baramati Lok Sabha | बारामती लोकसभा सीट की लड़ाई पर इस बार पूरे देश की नजरें टिकी है. यहां एक ही परिवार की ननद सुप्रिया सुले बनाम भाभी सुनेत्रा पवार की लड़ाई हो रही है. राष्ट्रवादी कांग्रेस से अजीत पवार के टूटने के बाद यहां का राजनीतिक घटनाक्रम बेहद तेजी से बदल रहा है. कुल मिलाकर राजनीतिक स्थिति को देखे तो इस चुनाव में दौंड, इंदापुर से सुनेत्रा पवार को भारी वोट मिल सकता है. यह राय राजनीतिक विश्लेषकों ने व्यक्त की है.
यहां २०१९ के चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस की तरफ से लड़ रही सुप्रिया सुले को ६ लाख ८६ हजार ७१४ वोट मिले थे. उनके खिलाफ भाजपा की कांचन कुल को ५ लाख 3० हजार ९४० वोट मिले थे. सुले ने कुल पर १ लाख ५५ हजार ७७४ वोटों से जीत दर्ज की थी.
लेकिन अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी टूट गई है. टूट के बाद अजीत पवार के साथ रमेश थोरात, राहुल कुल और हर्षवर्धन पाटिल है. उनकी एकजुट ताकत की वजह से इन निर्वाचन क्षेत्रों में सुले को झटका लग सकता है, ऐसी आशंका जताई जा रही है. साथ ही दौंड और इंदापुर इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में सुनेत्रा पवार की सामाजिक संस्थाओं से कई वर्षों से सीधा संपर्क होने की बात कही जा रही है. इस वजह से इस बार चुनाव में इन दोनों निर्वाचन क्षेत्र से सुनेत्रा पवार आगे रहेगी. यह राय राजनीतिक जानकारों की है.
पिछले चुनाव में पुरंदर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में सुप्रिया सुले केवल ९ हजार ६८१ वोटों से आगे थी.
इसकी तुलना में शहर खडकवासला निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के मतदाताओं के कारण कुल ६५ हजार ४९४ वोटों से आगे थी. यह साफ है कि इस बार भाजपा के ये मतदाता इस बार सुनेत्रा पवार की मदद करेंगे. अजीत पवार का गांव गांव में मौजूद संपर्क, राजनीति में उनकी पकड़ और महायुति के मिले साथ से सुनेत्रा पवार को बड़ा फायदा हो सकता है.