अमीर हो या गरीब सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार करें

मुंबई, 21 अगस्त : समाचार ऑनलाइन – अमीर या गरीब सभी नागरिकों के साथ राज्य सरकार समान व्यवहार करें। यह निर्देश हाई कोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को दिया। करीब 15 हज़ार परिवारों को जबरन वायु प्रदूषित माहुल में रहने वालों लोगों को लेकर सरकार को हाई कोर्ट ने यह निर्देश दिए. 
मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग व न्यायाधीश भारती डांगरे की खंडपीठ ने राज्य सरकार को बाइबिल में नोहाची नौका कहानी सुनाई। जब बाढ़ आई तब नोहा ने एक भी अपने प्यारे को पीछे नहीं छोड़ा। उसने अपने सभी लोगों को नौका में डाला और उसे बाहर ले गए. `उसी तरह से आप अमीर हो w\या गरीब सभी  नागरिकों के हितो का ध्यान रखा जाना चाहिए।
मुंबई मनपा ने तानसा जलवाहिनी के पास के सभी गैरक़ानूनी कंस्ट्रक्शन को गिराने के बाद वहां के लोगों के पुर्नवसन का आदेश दिया था. इन सभी रहिवासियों के पुर्नवसन माहुल में करने का निर्णय राज्य सरकार और मुंबई मनपा ने लिया। लेकिन इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वायु प्रदूषण होने की वजह से लोगों ने वहां घर लेने से मना कर दिया।
हर महीने 15 हज़ार रुपए देने का आदेश दिया 
कोर्ट ने इन विस्थापितों को माहुल के वजाये अन्य जगह में में पुर्नवसन का आदेश दिया। लेकिन राज्य सरकार व मनपा ने इस मामले कोई कदम नहीं उठाया और अपनी असमर्थता जताई। इसके बाद कोर्ट ने संबंधित लोगों को हर महीने 15 हज़ार रुपए देने का आदेश दिया।  लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद मनपा ने यह रकम देने से इंकार कर दिया। इसी को लेकर कुछ लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
15 हज़ार परिवारों में से 200 परिवार माहुल में स्थलांतरित हो चुके है 
हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट दवारा रोक लगाए जाने के बाद इन विस्थापितों ने घर का किराया देने से इंकार कर दिया।  यह जानकारी मनपा के वकील ने हाई कोर्ट में दी. मनपा के इस दावे की जब पड़ताल की गई तो हाई कोर्ट को ध्यान आया कि राज्य सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पेंडिंग है और हाई कोर्ट दवारा घर का किराया देने के आदेश पर रोक नहीं  लगाई गई है.
अगले सप्ताह होगी सुनवाई 
कोर्ट ने कहा कि अमीर हो या गरीब आप सभी नागरिकों को समान व्यवहार दे. आप कुंभ मेला के लिए आये पांच करोड़ भक्तों के लिए व्यवस्था कर सकते है. लेकिन इस केस में आप 60 हज़ार लोगों के रहने की व्यवस्था है कर सकते है?  इस मामले की सुनवाई अब अगले सप्ताह होगी।