लोकसभा चुनाव से पहले सांसद बारने- विधायक जगताप में शुरू हुई ‘वॉर’

पिंपरी। समाचार ऑनलाइन

संतोष मिश्रा

लोकसभा चुनाव में आमने- सामने टकरा चुके सांसद श्रीरंग बारने और विधायक लक्ष्मण जगताप के बीच 2019 के लोकसभा चुनाव में फिर टक्कर के आसार नजर आ रहे हैं। हांलाकि लोकसभा चुनाव में अभी समय है मगर इन दोनों नेताओं के बीच अभी से ही बयान’वॉर’ छिड़ गया है। इसकी शुरुआत सांसद बारने द्वारा बढ़ते अतिक्रमण, पानी की किल्लत, स्वच्छता आदि नागरी मसलों पर ‘निरंकुश प्रशासन और तमाशबीन सत्तादल’ की टिप्पणी की थी। इसके जवाब में विधायक जगताप ने अतिक्रमण हटाने की शुरुआत बारने के गढ़ थेरगांव से करने की चुनौती दी। अब सांसद बारने ने पलटवार करते हुए सवाल उठाया है कि, नागरी मुद्दों पर सवाल उठाने से जगताप को गुस्सा क्यों आता है? लोकसभा चुनाव से पहले ही दोनों नेताओं के बीच शुरू हुई बयानबाजी पिंपरी चिंचवड़ शहर में चर्चा का विषय बन गया है।

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गौरतलब हो कि, पिंपरी चिंचवड़ शहर की सियासत में शिवसेना के सांसद श्रीरंग बारने और भाजपा के शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप पुराने प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं। ये दोनों महारथी 2009 के विधानसभा चुनाव में पहली बार आपस में टकराये थे। तब राष्ट्रवादी कांग्रेस से बगावत कर पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार के छिपे ‘आशिर्वाद’ से जगताप ने बाजी मार ली थी। कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में दाखिल हुए श्रीरंग बारने ने इस हार के बाद थेरगांव से पिंपरी चिंचवड़ मनपा का उपचुनाव जीतकर अपनी ताकत दिखाई। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में पुनः बारने शिवसेना से और फिर राष्ट्रवादी छोड़कर जगताप शेकापा की ओर से मैदान में उतरे। यहां मात्र जगताप को मुंह की खानी पड़ी। शेकापा से लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला सियासी खुदकुशी न साबित हो इस उद्देश्य से जगताप फिर एक बार राष्ट्रवादी को अंगूठा दिखाकर मोदी लहर में सवार होने के लिए भाजपा में शामिल हुए। भाजपा की ओर से उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा और शहर में भाजपा के पहले विधायक साबित हुए।
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पिंपरी चिंचवड़ में भाजपा का पहला विधायक चुने जाने का रिकॉर्ड बनाकर लक्ष्मण जगताप ने 15 सालों से राष्ट्रवादी कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ फेंक पिंपरी चिंचवड़ मनपा में पहली बार भाजपा का परचम लहराकर खुद को साबित किया। हांलाकि मनपा की सत्ता हासिल करने में भोसरी के निर्दलीय और भाजपा के सहयोगी विधायक महेश लांडगे और शहर के कद्दावर नेता आजमभाई पानसरे की भूमिका सबसे अहम रही। अब जब लोकसभा चुनाव करीब आने लगे हैं तब सांसद श्रीरंग बारने और विधायक लक्ष्मण जगताप फिर से आमने सामने के आसार नजर आ रहे हैं। जहां बारने दूसरी बार सांसद बनने की तैयारियों में जुट गए हैं वहीं जगताप भी सांसद बनने की अपनी महत्वाकांक्षा भुला नहीं सके हैं। भले ही लोकसभा चुनाव अभी दूर हैं मगर दोनों के बीच बयानबाजी अभी से शुरू हो गई है। यह बयानबाजी आनेवाले लोकसभा चुनाव के संघर्ष का आगाज़ मानी जा रही है।