भीमा कोरेगांव हिंसा: फैक्ट फाइंडिंग कमिटी को लेकर पुणे जिला पुलिस का बड़ा खुलासा

पुणे। समाचार ऑनलाइन
एक जनवरी को भीमा कोरेगांव में फैली हिंसा के मामले में फैक्ट फाइंडिंग कमिटी के गठन और हालिया राज्य सरकार को सौंपी गई उसकी रिपोर्ट पर पुणे जिला (ग्रामीण) पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। जिला पुलिस ने एक आधिकारिक बयान जारी कर की ओर से किसी विशेष कमेटी का गठन नहीं किया गया है। इस मामले में किसी भी तरह की कोई रिपोर्ट राज्य सरकार को नहीं सौंपी गई है।
गौरतलब हो कि, कुछ दिनों से मीडिया में लगातार खबरें आ रही थी कि, भीमा कोरेगांव हिंसा मामले की तह तक पहुंचने के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इसमें यह पाया गया है कि, संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे द्वारा भीमा कोरेगांव में जातीय तनाव और हिंसा फैलाने की साजिश रची थी। ज्ञात रहे कि इस हिंसा के लिए जिम्मेदार मानकर पुणे जिला पुलिस ने भिड़े और एकबोटे क खिलाफ मामला दर्ज किया है।
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भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट पर काफी चर्चा शुरू है। इस पृष्ठभूमि पर पुणे जिला पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कुछ मीडिया संस्थान यह खबर चला रहे हैं कि भीमा-कोरेगांव मामले में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया गया है और इस कमेटी ने केस की पूरी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। यह पूरी तरह से तथ्यात्मक और कानूनी रूप से गलत है। जिला पुलिस के इस बयान से फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के गठन और उसकी रिपोर्ट दोनों पर सवालिया निशान लग गया है।
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क्या है पूरा मामला
हर साल जब 1 जनवरी को दुनिया भर में नए साल का जश्न मनाया जाता है उस वक्त दलित समुदाय के लोग भीमा कोरेगांव में जमा होते है और यहां ‘विजय स्तम्भ’ के सामने अपना सम्मान प्रकट करते हैं। ये विजय स्तम्भ ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1818 के युद्ध में शामिल होने वाले लोगों की याद में बनाया था। इस स्तम्भ पर  युद्ध में शामिल होने वाले महार योद्धाओं के नाम अंकित हैं, जिन्हें पेशवा के खिलाफ जीत मिली थी। इस साल इस युद्ध को साल पूरे हुए। इस उपलक्ष्य में इस बार यहां भारी संख्या में दलित समुदाय के लोग जमा हुए थे। जश्न के दौरान दलित और मराठा समुदाय के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान इस घटना में एक शख्स की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए थे। 200 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में इस बार यहां दलित और बहुजन समुदाय के लोगों ने शनिवारवाडा पर एल्गार परिषद का आयोजन किया गया था। भीमा कोरेगांव हिंसा के लिए इस परिषद को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इसके आयोजन में नक्ससलियों का हाथ और फंड रहने की जानकारी सामने आई है। पुुणे पुलिस ने इस मामले में कई गिरफ्तारियां की है, जिसपर काफी बवाल मचा हुआ है।