भोसरी जमीन घोटाले में एकनाथ खडसे को क्लीनचिट

पत्नी मंदाकिनी और दामाद गिरीश चौधरी को भी मिली राहत

पुणे। पुणे समाचार

भाजपा के वरिष्ठ नेता और भूतपूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे को भोसरी की उस जमीन के घोटाले के मामले में राहत मिल गई है, जिसने उनका मंत्री पद और काफी कुछ छीन लिया। पुणे एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने अदालत में इस मामले की जांच रिपोर्ट पेश की है, जिसमें उन्हें क्लीनचिट दी गई। खडसे के साथ ही उनकी पत्नी मन्दाकिनी और दामाद गिरीश चौधरी को भी इस मामले में राहत मिली है। क्लीनचिट मिलने से खडसे बेदाग साबित होने के साथ ही उनकी मन्त्रिमण्डल में पुनः’एंट्री’ का रास्ता आसान बन गया है।

क्या था पूरा मामला

पूर्व मंत्री खडसे पर आरोप था कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर भोसरी एमआईडीसी में 40 करोड़ से ज्यादा मूल्य की जमीम मात्र पौने चार करोड़ में खरीदी। इस बारे में पुणे के बिल्डर हेमंत लक्ष्मण गावंडे (38) निवासी निगड़ी, प्राधिकरण, पुणे ने गत वर्ष 30 मई को पुलिस में शिकायत दी थी। जब पुलिस ने मामला दर्ज करने से मना कर दिया तब उन्होंने उच्च न्यायालय ला दरवाजा खटखटाया। इसकी सुनवाई में पुलिस ने अदालत में गावंडे की शिकायत के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जा सकता, यह दावा किया था। इसके चलते अदालत ने एसीबी को इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। इसके अनुसार एसीबी ने बन्दगार्डन पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

नहीं किया पद का दुरुपयोग

खडसे की दिक्कतें तब और बढ़ गई जब एमआईडीसी ने उस विवादित जमीन को अपना बताया। एसीबी ने अपनो जांच पूरी कर सोमवार को अदालत में रिपोर्ट पेश की। इसमें एकनाथ खडसे ने भोसरी की जमीन खरीदते वक्त अपने पद का कोई दुरुपयोग नहीं किये जाने के साथ ही इसमें सरकार का कोई राजस्व भी नहीं डूबने के दावा करते हुए खडसे को क्लीनचिट दी गई है। उनके साथ ही उनकी पत्नी मंदाकिनी खडसे और दामाद गिरीश दयाराम चौधरी को भी इस मामले में राहत मिली है। बहरहाल पुणे एसीबी के अधीक्षक संदीप दीवान ने इस मामले को न्याय प्रविष्ट बताकर जांच रिपोर्ट के बारे में कुछ बताने से मना कर दिया।