बड़ा फैसला…महाराष्ट्र सरकार सेक्स वर्कर्स को देगी पांच हज़ार रुपये प्रति महीना 

मुंबई. ऑनलाइन टीम : महाराष्ट्र सरकार सेक्स वर्कर्स पर मेहरबान हुई है। गुरुवार को आदेश पारित कर सरकार ने कहा है कि  हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पहले से ही 30 हज़ार सेक्स वर्कर्स को कोविड 19  संकट के दौरान सहायता प्रदान करवाई जा रही थी। अब और एक कदम आगे बढ़ते हुए महाराष्ट्र सरकार ने  सेक्स वर्कर्स को 5 हज़ार रुपये  प्रति महीना देने का फैसला किया है। इसके अलावा ढाई हजार रुपए उन सेक्स वर्कर्स को अतिरिक्त मिलेंगे जिनके बच्चे स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार इसके लिए तकरीबन 51 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जो 32 जिलों की 30 हजार महिला सेक्स वर्कर्स को अक्टूबर से दिसंबर महीने के लिए दिया जाएगा।

लॉकडाउन के ऐलान के बाद सेक्स वर्कर्स की आजीविका खत्म हो गई। बार-बार ये मांग की जा रही थी कि क्या इनका रजिस्ट्रेशन लेबर मिनिस्ट्री में वर्कर्स के तौर पर हो सकता है ताकि इन्हें बेरोजगार वर्कर्स के तौर पर भत्ता मिल सके, इस संदर्भ में यह एक बड़ा कदम है। इसी क्रम में बता दें कि महाराष्ट्र के महिला और बाल विकास मंत्रालय ने सेक्स वर्कर्स को राशन मुहैया कराने का फैसला जुलाई में लिया था।    सरकार का मानना है कि ज्यादातर सेक्स वर्कर्स अपने घरों को छोड़ देते हैं और उनके पास कोई पहचान पत्र नहीं होता है। इसलिए उनके पास दस्तावेज न हों तब भी उन्हें सपोर्ट दिया जाना चाहिए।

महिला एवं बालविकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने संबद्ध विभाग को आदेश दिया है। सभी जिलाधिकारियों को भी यह आदेश  दिया गए हैं कि वह अपने अपने इलाके की सूची बनाकर भेजें। इसके अलावा यह प्रस्ताव भी भेजें कि किस प्रकार से अतिरिक्त मदद खाद्य सामग्री के रूप में भी इन सेक्स वर्कर को पहुंचाई जा सकती हैं। सरकार के आदेश के बाद जिला स्तर पर बनाई जा रही समितियों में महिला अधिकारियों के अलावा नाको(NACO) के स्थानीय प्रतिनिधि और सामाजिक संगठन के भी लोग शामिल होंगे। इस समिति में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी सचिव के रूप में कार्य करेंगे। खास निर्देश है कि इस सहायता को प्रदान करते वक्त किसी भी महिला से पहचान पत्र दिखाने के लिए दबाव न बनायें। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पुणे शहर में 7011 नागपुर में 6616 मुंबई शहर में 2687 और मुंबई उपनगर में 2305 सेक्स वर्कर्स हैं।