नई दिल्ली; समाचार ऑनलाइन– आपको जो दूध इस्तेमाल कर रहे हैं, वह शुद्ध व गुणवत्ता वाला है या नहीं? इसमें कोई मिलावट तो नहीं है? आदि बातों का पता लगाने व इसकी गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए FSSAI द्वारा नए नियम जारी किए गए हैं.
अब नए नियमों के अनुसार मदर डेयरी और अमूल दूध जैसी दुग्ध कंपनियों को FSSAI की प्रयोगशाला में अपने दूध का परीक्षण करवाना होगा. यदि जाँच में पाया जाता है कि दूध में पानी या अन्य पदार्थ की मिलावट करके बेचा जा रहा है, तो इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं जाएंगे. बता दें कि पनीर, छाछ सहित अन्य दुग्ध पदार्थों में मिलावट संबंधी शिकायतें मिलती रहती हैं, जिसकी रोकथाम के लिए केंद्र सरकार सहित राज्य सरकारें भी इसका हल खोजने की कोशिश कर रही हैं.
दूध के सैम्पल किए गए थे एकत्रित
देश भर में मई 2018 से अक्टूबर 2018 के दौरान दूध के नमूने एकत्र किए गए थे.इसमें 1103 शहरों के 6432 नमूने शामिल थे.उम्मीद थी कि पैकेट वाले दूध की गुणवत्ता अच्छी होगी, लेकिन लगभग 38 फीसदी पैकेट वाले दूध गुणवत्ता विहीन निकले. साथ ही इनमें फैट या वसा की मात्रा भी कम पाई गई थी. हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि, दूध पीना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है.
यह अनुमान लगाया जाता है कि दूध को पानी के साथ मिलाया जाता है या गाय को प्रदान किए जाने वाले खाद्यान्न में कमी है. इन कारणों को देखते हुए दूध का ठीक से परीक्षण करने संबंधी नियम बनाया गया है.
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