स्टेट बैंक ने 1 मई से व्याज की दर निश्चित करने के लिए ‘एक्सटर्नरल बेंच मार्किंग’ सिस्टम स्वीकार करने का निर्णय लिया है। इस सिस्टम में मुख्य व्याज दर रिज़र्व बैंक के रेपो रेट से जोड़ा जाता है। ऐसे में रेपो रेट कम या ज्यादा होने से उसका परिणाम सीधे व्याज होगा। रेपो रेट जैसे कम-ज्यादा होगा वैसे ही व्याज दर भी कम-ज्यादा होता है। रिज़र्व बैंक ने 4 अप्रैल को रेपो रेट में पौने प्रतिशत की कटौती की है। इसलिए व्याज दर कम होगा।
स्टेट बैंक ने बचत खाते पर व्याज दर में 1 मई से कमी करने का निर्णय लिया है। ऐसे में एक लाख से अधिक रकम पर व्याज दर रेपो रेट की अपेक्षा 2. 75 प्रतिशत काम रहेगा। जबकि एक लाख से कम रकम पर 3. 50 प्रतिशत व्याज मिलेगा।
इस बीच एक्सटर्नल बेंच मार्किंग सिस्टम अपनाने वाली स्टेट बैंक पहली बैंक है। भविष्य में अन्य बैंक भी ये सिस्टम अपना सकती है। इसके तहत स्टेट बैंक ने कर्ज पर व्याज में 10 अप्रैल को 0. 05% की कटौती की. 30 लाख रुपए तक गृहकर्ज के व्याज दर पर 0.10% कटौती की है। ऐसे में ग्राहकों को स्टेट बैंक के 30 लाख तक के कर्ज पर गृहकर पर 8. 50% से 8. 90% व्याज देना होगा।