नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन- रिजर्व बैंक ने 30 विलफुल डिफॉल्टरों की सूची घोषित की है। करीब 4 साल पहले, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय बैंकों को सभी विलफुल डिफॉल्टरों की एक लिस्ट पेश करने का निर्देश दिया था. बता दें कि विलफुल डिफॉल्टर का मतलब है जानबूझकर कर्ज का भुगतान न करना है. सीधे शब्दों में कहें, तो किसी व्यक्ति या कंपनी के पास कर्ज का भुगतान करने लायक रकम है, फिर भी वह बैंक की किस्त नहीं चुकाते, इन लोगों को विलफुल डिफाल्टर कहा जाता है. फिर बैंक को ऐसे ग्राहकों के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ता है. इन्हें विलफुल डिफॉल्टर्स कहा जाता है.
विलफुल डिफॉल्टरों की सूची में मेहुल चोकसी की तीन कंपनियां –
आरबीआई ने एक इन्फर्मेशन एजेंसी को अपने जवाब में बताया गया है कि, 30 विलफुल डिफॉल्टरों की सूची में तीन कंपनियां देश की बैंकों को चूना लगाने वाले हिरा कारोबारी मेहुल चोकसी की हैं. सूचना अधिकार के अंतर्गत मिली जानकारी के अनुसार, एक समाचार रिपोर्ट ने कहा कि, इन तीन कंपनियों द्वारा कुल डिफ़ॉल्ट राशि 50,000 करोड़ रुपये से अधिक है. इसमें बैंक की रिट-ऑफ की राशि भी शामिल है.
- गीतांजलि जेम्स लिमिटेड –5044 रुपये का ऋण
- आरईआई एग्रो लिमिटेड -4197 करोड़ रुपये का ऋण
- विनसम डायमंड एंड ज्वैलरी लिमिटेड -3386 करोड़ रुपये का ऋण
- रुचि सोया इंडस्ट्रीज- 3225 करोड़ रुपये का ऋण
- रोटोमैक ग्लोबल -2844 करोड़ रुपये का ऋण
- किंगफिशर एयरलाइंस -2488 करोड़ रुपये का ऋण
- कुडोस केमी लिमिटेड -2326 करोड़ रुपये का ऋण
- जूम डेवलपर्स -2024 करोड़ रुपये का ऋण
- डेक्कन क्रॉनिकल -1951 करोड़ रुपये का कर्ज
- एबीजी शिपयार्ड -1875 करोड़ रुपये का ऋण
इन प्रमुख कंपनियों के नाम भी शामिल
इन 30 विलफुल डिफाल्टर्स की सूची में गीतांजलि जेम्स, रोटोमैक ग्लोबल, जूम डेवलपर्स, डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स, विनसम डायमंड्स, सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक्स शामिल हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में, किसी न किसी कारणों के चलते CBI और अन्य जाँच कंपनियों ने इन कंपनियों और उनके प्रमोटरों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं. RBI द्वारा जारी की गई सूची का स्रोत सेंट्रल बैंकिंग डेटाबेस सेंट्रल रिपॉजिटरी ऑफ इन्फॉर्मेशन ऑन लार्ज क्रेडिट (CRICL) है।
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