नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद अमेरिका के एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर बयान जारी किया है, जिसमें उनपर बैन लगाने की मांग की है। इस मसले पर अब भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है और कहा है कि इस संस्थान का जो ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, उससे वह चौंके नहीं हैं। फिर भी वह उनके इस बयान की निंदा करते हैं।
MEA: Neither #CitizenshipAmendmentBill nor National Register of Citizens process seeks to strip citizenship from any Indian citizen of any faith. Every nation, including the US, has right to enumerate&validate its citizenry&to exercise this prerogative through various policies https://t.co/5BmvTRmF7P
— ANI (@ANI) December 10, 2019
अमेरिकी आयोग के बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। भारत ने कहा कि इस विधेयक पर अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग का बयान ‘सही’ नहीं है और यह गैर-जरूरी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि ‘नागरिकता संशोधन विधेयक पर अमेरिकी आयोग का बयान न तो सही है और न ही इस तरह के बयान की जरूरत है। यह विधेयक पड़ोसी देशों से धार्मिक रूप से प्रताड़ित होकर भारत में बसे लोगों को नागरिकता देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करने पर जोर देता है। इस विधेयक में उनकी समस्याओं का समाधान करने एवं उनके बुनियादी मानवाधिकारों की सुरक्षा की व्यवस्था की गई है।’
USCIRF is deeply troubled by the passage of the Citizenship (Amendment) Bill (CAB) in the Lok Sabha. The CAB enshrines a pathway to citizenship for immigrants that specifically excludes Muslims, setting a legal criterion for citizenship based on religion.https://t.co/E8DafI6HBH
— USCIRF (@USCIRF) December 9, 2019
रवीश कुमार बोले कि नागरिकता संशोधन बिल किसी तरह से भारत में रह रहे लोगों को प्रभावित नहीं करता है। संस्था ने अपने बयान में जो सुझाव दिए हैं, वह किसी तरह सही नहीं हैं। हर देश को अपनी पॉलिसी के तहत कानून बनाने का अधिकार है, जिसमें अमेरिका भी शामिल है। गौरतलब है कि लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद अमेरिका के धार्मिक स्वतंत्रता केंद्रीय आयोग (USCIRF) ने दोनों सदनों में बिल पास होने पर गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अमेरिका से प्रतिबंध लगाने की भी मांग कर दी है।