गौरी लंकेश और दाभोलकर हत्याकांड में बड़ा खुलासा

एक ही पिस्तौल से हुई दोनों हत्याएं सीबीआई का दावा

पुणे। समाचार ऑनलाइन

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक डॉ नरेंद्र दाभोलकर हत्या के मामले की जाँच में जुटी सीबीआई ने रविवार को एक बड़ा खुलासा किया है।
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औरंगाबाद से गिरफ्तार किये गए सचिन अंधुरे की कस्टडी ख़त्म होने के बाद आज उसे पुणे की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहाँ उसकी कस्टडी 30 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। दाभोलकर पर गोली चलाने वाला शख्स वही है और इससे पहले गिरफ्तार वीरेंद्र तावड़े और कर्नाटक एसआइटी द्वारा पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में गिरफ्तार अमोल काले इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड है। यह दावा करने वाली सीबीआई ने आज अदालत में खुलासा किया है कि, दाभोलकर और वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या एक ही पिस्तौल से हुई है। यह पिस्तौल सचिन अंधुरे के साले शुभम सरोले के पास से बरामद की गयी है।

नालासोपारा विस्फोटक सामग्री के मामले में एटीएस ने वैभव राउत, शरद कलसकर और पुणे से सुधन्वा गोंधलेकर को गिरफ्तार किया है। उनके पास से भारी मात्रा में असलहे, बम और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद करने के साथ ही एटीएस ने दावा किया है कि ये लोग सनातन और हिंदुत्ववादी संगठनों से जुड़े हैं और अगस्त में महाराष्ट्र के अलग- अलग क्षेत्रों में विघातक कार्रवाई को अंजाम देने की तैयारी में थे। इस मामले की छानबीन के दौरान एटीएस को शरद कलसकर के डॉ दाभोलकर की हत्या में शामिल रहने की जानकारी मिली। उससे मिली जानकारी के आधार पर औरंगाबाद से उसके साथी सचिन अंधुरे को गिरफ्तार कर दाभोलकर हत्या की जांच में जुटी सीबीआई के हवाले किया गया। सीबीआई ने अदालत में का दावा किया था कि, सचिन ने ही दाभोलकर पर गोली चलाई थी और कलसकर भी उसके साथ था।
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इससे पहले पनवेल से गिरफ्तार वीरेंद्र तावड़े और कर्नाटक एसआइटी द्वारा वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में गिरफ्तार पुणे से सटे पिंपरी चिंचवड़ के चिंचवड़ निवासी अमोल काले ने दाभोलकर की हत्या की साजिश रची थी। सचिन अंधुरे की कस्टडी ख़त्म होने से रविवार को उसे शिवाजीनगर स्थित पुणे की विशेष अदालत में पेश किया। सीबीआई ने अदालत में उसकी कस्टडी बढ़ने की मांग करते हुए अपनी दलील में कहा कि, पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद आरोपियों ने हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौल और बचे हुए तीन कारतूस सचिन अंधुरे के पास दिए थे। उसने अपने साले शुभम सरोले और शुभम ने रोहित रेगे को पिस्तौल और कारतूस रखने के लिए दिए, जिसे बरामद कर लिया गया है। जैसा कि पहले ही स्पष्ट हो चूका है कि दाभोलकर की हत्या में एटीएस द्वारा गिरफ्तार किये गए शरद कलसकर भी शामिल था, अतः सीबीआई सचिन और शरद दोनों की एक साथ कस्टडी चाहती है।

शरद फिलहाल 28 अगस्त तक एटीएस की कस्टडी में है, यहाँ की कस्टडी खत्म होने के बाद सीबीआई शरद को अपनी कस्टडी में ले सकती है। अदालत में आरोपियों के वकीलों ने यह कहकर आरोपियों के लिए न्यायिक हिरासत की मांग की कि सीबीआई दाभोलकर हत्या के मामले में अब तक कुछ ठोस जाँच नहीं कर पायी है। हांलाकि अदालत ने सचिन की सीबीआई कस्टडी 30 अगस्त तक बढ़ा दी है। सीबीआई का यह भी दावा है कि गौरी लंकेश की हत्या के मामले में गिरफ्तार अमोल काले और राजेश बंगेरे भी दाभोलकर की हत्या में शामिल है। हत्या से पहले उन दोनों ने पुणे में दाभोलकर की रेकी की थी। सीबीआई जल्द ही अमोल और राजेश को पूछताछ के लिए कर्नाटक एसआईटी से उनकी कस्टडी ले सकती है।