बिहार : भाजपा कोटे की राज्यसभा की एक सीट के लिए कई दावेदार

पटना : समाचार ऑनलाईन – भाजपा कोटे से खाली हुई राज्यसभा की एक सीट के लिए उम्मीदवारों की संख्या बढ़ती जा रही है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद राज्यसभा की उनकी सीट खाली हो गयी है। इस एक सीट के लिए पार्टी के भीतर कई उम्मीदवार तैयार हो गये हैं। माना जा रहा कि यह सीट लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान को  गिफ्ट की जायेगी। भाजपा के भीतर खुलकर सिर्फ पार्टी एमएलसी सच्चिदानंद राय ने अपनी बात कही है। पर, भीतर ही भीतर सामाजिक समीकरण की बात उठाने वाले कई वर्गों की नजर इस सीट पर टिकी है।

शीर्ष नेतृत्व द्वारा फैसला लिये जाने की बात कह रहे पार्टी नेता खुलकर शीर्ष नेतृत्व द्वारा फैसला लिये जाने की बात कह रहे हैं, पर यह भी कहा जा रहा कि सवर्ण के साथ-साथ यादव और अतिपिछड़ी जातियों को भी ऊपरी सदन में मौका दिया जाना चाहिए। विधान परिषद की खाली हुई एक सीट भूमिहार जाति के नेता राधामोहन शर्मा को दी गयी है।
एनडीए के वादे के मुताबिक रामविलास पासवान को राज्यसभा की पहली खाली हो रही सीट मिलनी थी, लेकिन असम की वह दोनों सीटें भाजपा और अगप को आवंटित कर दी गयीं। अब रविशंकर प्रसाद द्वारा छोड़ी गयी सीट पर पासवान को राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा है। हालांकि, अब तक इस मसले पर लोजपा या भाजपा के नेता खुलकर कुछ नहीं कह रहे हैं। पर, पासवान को केंद्र में मंत्री बनाया गया है।

छह महीने में सदन की सदस्यता अनिवार्य
इसके चलते उन्हें छह महीने के भीतर किसी भी सदन की सदस्यता लेना अनिवार्य होगा। जबकि, खुद भाजपा के भीतर इस एक सीट को लेकर दावेदारों की फेहरिश्त लंबी होती जा रही है। चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे पर असंतोष जताने वाले नेताओं ने अपनी हिस्सेदारी की मांग उठायी है। दूसरी ओर पार्टी के यादव नेताओं का कहना है कि जनार्दन यादव के बाद  बिहार-झारखंड से किसी यादव नेता को अब तक राज्यसभा नहीं भेजा गया है। इसलिए इस बार इस वर्ग को मौका दिया जाना चाहिए। दूसरी ओर पार्टी के अतिपिछड़ा वर्ग के नेताओं का दावा भी इस सीट पर है। इस वर्ग का कहना है कि इस बार के चुनाव में पूरी तरह अतिपिछड़ी जाति का वोट भाजपा और एनडीए की झोली में गया है। ऐसे में ऊपरी सदन की खाली हो रही सीटों पर इस वर्ग का पहला दावा बनता है।