अमरनाथ यात्रा के बाद जम्मू-कश्मीर में भाजपा सरकार!

जम्मू/नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन

जम्मू कश्मीर में गठबंधन सरकार से हाथ वापस खींचने के बाद भाजपा एक बार फिर से सरकार गठन की तैयारियों में जुट गई है। सूत्रों के अनुसार अमरनाथ यात्रा पूरी होने के बाद इसकी घोषणा की जा सकती है। दरअसल, भाजपा की कोशिशों को बल मिला है पीडीपी के उन बागी विधायकों से जो पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से खासे नाराज़ चल रहे हैं। इन विधायकों के भाजपा से जुड़ने की भी खबर है। वहीं भाजपा नेताओं के बयान भी पार्टी की मंशा को काफी हद तक स्पष्ट करते हैं। वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री कवींदर गुप्ता का कहना है कि विभिन्न दलों के असंतुष्ट विधायक आने वाले दिनों में एकसाथ आ सकते हैं। गुप्ता का यह बयान ऐसे समय आया है, जब भाजपा महासचिव और जम्मू कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने कुछ ही दिनों पहले सज्जाद लोन से मुलाकात की थी। 27 जून की इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि लोन इस मोर्चे का नेतृत्व कर सकते हैं। आपको बता दें कि इससे पहले पीडीपी नेता इमरान रज़ा अंसारी और आबिद अंसारी भी महबूबा मुफ्ती के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं।

पांच विधायक बागी
पीडीपी के कम से कम पांच विधायक पार्टी नेतृत्व से नाराज़ चल रहे हैं। इनमें से कुछ ने महबूबा मुफ्ती पर भाई-भतीजावाद का आरोप भी लगाया है। उनका कहना है कि महबूबा ने नेतृत्व में उन्हें घुटन महसूस हो रही है। आपको बता दें कि भाजपा ने पीडीपी नीत सरकार से 19 जून को समर्थन वापसी ले लिया था, तब से राज्य में राज्यपाल शासन है।

ऐसे शुरू हुईं अटकलें
राज्य में भाजपा सरकार की अटकलें 27 जून को पार्टी नेता राम माधव द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई एक तस्वीर से शुरू हुईं, जिसमें वे सज्जाद लोन के आवास पर दूसरी पार्टियों के विधायकों के साथ दिख रहे थे। सज्जाद लोन पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख हैं और राज्य में पार्टी के लोन सहित दो विधायक हैं।

क्या है सीटों का गणित
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 87 सीटें हैं। भाजपा के यहां 25 विधायक हैं। ऐसे में सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के आंकड़े के लिए उसे 19 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में पीडीपी के बागी विधायक उसका बिगड़ा खेल बना सकते हैं।