17 अति पिछड़ी जातियों को एससी में शामिल कर झूठी वाहवाही लूटने का नाटक कर रही भाजपा : सपा

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन – 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए शासनादेश जारी करने पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कठघरे में खड़ा किया है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य विशंभर प्रसाद निषाद ने कहा कि भाजपा सरकार 17 अति पिछड़ी जातियों को गुमराह करने व विधानसभा उपचुनावों को देखते हुए झूठी वाहवाही लूटने का नाटक कर रही है।

विशंभर प्रसाद ने कहा कि सपा सरकार के समय 2004 से 2007 तक कई बार केंद्र सरकार को 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की सिफारिश भेजी गई, लेकिन केंद्र की कांग्रेस सरकार ने इन पर विचार नहीं किया। बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) शासन में 6 जून 2007 को कैबिनेट की बैठक में उन सिफारिशों को खारिज कर दिया गया जो सपा ने भेजी थीं। वर्ष 2012 में सपा सरकार बनने के बाद 15 फरवरी 2013 को कैबिनेट और विधानसभा से प्रस्ताव पारित कराकर फिर केंद्र सरकार को भेजा।

केंद्र ने इस पर विचार नहीं किया तो अखिलेश यादव सरकार ने दिसंबर 2016 में 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का शासनादेश लागू किया था। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल होने के कारण इसे लागू नहीं कराया जा सका। पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने प्रदेश सरकार पर एससी में 17 जातियों को शामिल करने के नाम पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एससी में शामिल करने से पहले सरकार इन्हें ओबीसी की सूची से बाहर करे।

उन्होंने ट्वीट किया कि सरकार इन 17 जातियों का कोटा निर्धारित करे, तभी इन जातियों को एससी में मिलने वाली सुविधाएं मिल पाएंगी। राज्य सरकार अब केंद्र को इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजेगी। इसके बाद यह प्रस्ताव लोकसभा और राज्यसभा में पास होगा। तभी ये एससी की सूची में शामिल हो पाएंगी। इस तरह सरकार ने एक बार फिर अनुसूचित जाति में शामिल करने के बहाने इन जातियों के लोगों को गुमराह करने की तैयारी कर ली है।

आरक्षण बचाओ समिति ने भी किया विरोध
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने अति पिछड़ी 17 जातियों को एससी का दर्जा देने का विरोध किया है। समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि एससी में शामिल होने वाली इन जातियों की आबादी 12 प्रतिशत है।

इससे अनुसूचित जाति का आरक्षण प्रभावित होगा। अगर आरक्षण में इन्हें हिस्सेदारी दी जा रही है तो एससी का आरक्षण 33 फीसदी किया जाए। इसे सरकार की साजिश बताते हुए उन्होंने कहा कि रविवार को समिति की आपात बैठक में आगे की रणनीति बनाई जाएगी।