‘इतना दर्द सहा है, ये दर्द भी सह जाऊंगा’…कहने वाले हिमांशु खुदकुशी कैसे कर सकते हैं?

मुंबई: आईपीएस अधिकारी हिमांशु रॉय ने शुक्रवार दोपहर करीब 1.30 बजे अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर खुदकुशी कर ली, लेकिन उन्हें जानने वाले यह मानने को तैयार नहीं हैं कि हिमांशु जैसा ऑफिसर आत्महत्या जैसा कदम उठा सकता है। मुंबई पुलिस के पूर्व डायरेक्टर जनरल पीएस पसरीचा ने हिमांशु से जुड़े एक वाकये का जिक्र किया है, जिसके बाद यह सवाल एक बार फिर सामने आ गया है कि क्या हिमांशु इस तरह मौत को गले लगा सकते हैं? पसरीचा हिमांशु को तब से जानते हैं जब वे पुलिस में शामिल भी नहीं हुए थे। अपनी बीमारी पर हिमांशु ने उनसे कहा था कि मैंने पुलिस की नौकरी में इतना दर्द सहा है तो इस बीमारी के दर्द को भी झेल जाऊंगा।

उन्होंने कहा था लड़ जाऊंगा

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री जयंत पाटिल को भी हिमांशु की मौत से स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा, “सुबह मैं हिमांशु से ज़िम में मिला, वे कैंसर के बारे में बात कर रहे थे, उन्होंने परेशान होते हुए कहा था कि कीमोथैरेपी की भी एक सीमा होती है।” पाटिल ने आगे कहा की वे दुखी रहने लगे थे, वे हमेशा अपने इलाज़ के बारे में बातें करते थे। लेकिन मुझे अभी भी इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा कि उन्होंने ऐसा कदम उठाया है, सात-आठ महीने पहले वे काफी पॉजीटिव दिख रहे थे, वे बोल रहे थे कि बीमारी से लड़ जाएंगे।”

वे हार मानने वाले नहीं थे

हिमांशु रॉय की आत्महत्या पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री दीपक केशरकर ने कहा,“वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे, मैं उनकी मौत की खबर सुनकर हैरान हूं। यह मुंबई पुलिस के लिए भी झटका है. वे इस तरह हार मानने वाले अधिकारी नहीं थे”। 55 वर्षीय हिमांशु रॉय की छवि एक सख्त अधिकारी की थी। उन्होंने कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच में अहम भूमिका निभाई थी। लंबे समय से बीमारी के चलते वे डिप्रेशन के शिकार हो गए थे।